सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं/बिलासपुर
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे है। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि पांच लाख की आबादी मात्र एक महिला डॉक्टर के सहारे है, इस कारण महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इलाज करवाने आई महिलाओं ने बताया कि अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को एडमिट कर लिया जाता है। लेकिन समय आने पर उनको निजी अस्पताल में भेज दिया जाता है। जहां उनकी डिलीवरी पर हजारों रूपये खर्च हो जाते हैं। क्योंकि निजी अस्पतालों में उनकी डिलीवरी सर्जरी के द्वारा की जाती है। गरीब परिवारों की महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, कई बार मरीजों को अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी और समय पर इलाज न होने के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। जिस कारण परेशानी का आलम बढता जा रहा है।
किस काम के आयुष्मान भारत व हिम केयर स्वास्थ्य कार्ड….
महिलाओं का कहना है कि जब जोनल अस्पताल व सिविल अस्पताल घुमारवीं जैसे अस्पताल ही डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहे हैं, तो इन कार्ड्स का क्या लाभ। इतना ही नहीं भराडी की 25 पंचायतों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले सीएचसी में एक्स-रे मशीन का ऑपरेटर न होने से मशीन बंद कमरे के अंदर शोपीस बनी हुई है। हजारों रूपये की मशीन धूल फांक रही है। आलम यह है कि पांच डॉक्टर्स में से दो-तीन डॉक्टर ही सेवाएं दे रहे हैं।
क्या कहते हैं अस्पताल प्रशासन के अधिकारी…
इस बारे में अस्पताल के प्रभारी राजेश आहलूवालिया का का कहना है कि इस समय अस्पताल में एक ही महिला रोग विशेषज्ञ है। अन्य सीएचसी में भी महिला डॉक्टर नहीं है। अगर महिला डॉक्टर को किसी कारण अवकाश पर जाना पड़ता है तो महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बारे में विभाग के आला अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।