एमबीएम न्यूज/नाहन
पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र विधानसभा के उप चुनाव के लिए तैयार हो रहा है। वजह है, विधायक से सुरेश कश्यप का प्रमोशन सांसद के तौर पर हो चुका है। इसी इलाके से भाजपा के शीर्ष नेता चंद्रमोहन ठाकुर का ताल्लुक भी है। बात हो रही है, राजगढ़ उपमंडल के राजकीय उच्च विद्यालय धरोटी की।
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि स्कूल के भवन का निर्माण सालों से अधर में लटका है। इस कारण दो कक्षाएं खुले मैदान में चलती हैं। धूप तेज हो जाए तो छात्रों व शिक्षकों को छतरियां खोल कर मैदान में बैठना पड़ता है। एसएमसी ने इस मामले को विभाग के समक्ष बार-बार उठाया, लेकिन विभाग के कान में जूं नहीं रेंग रही है। बताया गया कि विद्यालय में 130 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसमें से अधिकतर बच्चों का संबंध अनुसूचित जाति से है।
अहम बात यह है कि सरकार जहां बेहतरीन शिक्षा के बड़े-बड़े दावे कर अवार्ड जीतने के दावे करती है, साथ ही समाज के पिछड़े वर्गों को ऊपर उठाने की बात भी कहती है, लेकिन धरातल पर सच्चाई यह है कि बच्चों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कड़कती धूप में छतरियां खोल कर बच्चे पढ़ लेते हैं, लेकिन सोचिए बारिश की स्थिति में क्या हालात रहते होंगे। चार साल पहले तत्कालीन उपनिदेशक ने स्कूल का दौरा किया था। 2010 में स्कूल का दर्जा हाई कर दिया गया। 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। 2016 में काम रुक गया। निर्माण का कार्य हिमुडा को सौंपा गया था।
18 नवंबर 2017 को तत्कालीन उपनिदेशक ने स्कूल का दौरा किया तो उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया। अहम बात है कि अक्तूबर 2018 को स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष मामला जनमंच में भी उठाया गया। 19 जुलाई को उपनिदेशक द्वारा दीदग में की गई बैठक में भी इस मामले को जोर-शोर से उठाया गया, लेकिन हालात वहीं हैं। मजबूरन अब अभिभावक अपने बच्चों को भी सामने ले आए हैं। वीडियो में साफ तौर पर यह नजर आ रहा है कि देश की पनीरी को सरकार धरातल पर कैसी शिक्षा प्रदान करवा रही है।
सवाल इस बात पर है कि जब सरकारी सिस्टम बच्चों को बैठने के लिए अदद भवन नहीं दे पा रहा तो अन्य रिमोट क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता का क्या हाल होगा।