दिनेश कुंडलस/शिमला
पिता अपनी असफलता को तो जैसे-तैसे सह लेता है। मगर पुत्र की सफलता से पिता तमाम दुश्वारियों सह जाता है। हिमाचल में भाजपा के क्षत्रप प्रेम कुमार धूमल शुक्रवार को बेटे की सफलता से गदगद है। जैसे ही अनुराग ठाकुर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने के बाद घर समीरपुर पहुंचे तो पिता प्रेम कुमार धूमल की आंखों में ख़ुशी के आंसू थे। रुंधे गले से उन्होंने अपने पुत्र को गले लगाया। वहां मौजूद कई समर्थकों की आँखों में भी ख़ुशी के आंसू थे।
गौरतलब है कि मेहतपुर से हमीरपुर अपने घर पहुंचने तक अनुराग को करीब 12 घंटे का समय लगा। इस दौरान पिता का इंतज़ार काफी लंबा हो गया। मगर इन अस्मरणीय पलों की धूमल पिछले डेढ़ साल से घर में रहकर बाट जोह रहे थे। विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। कई राजनीतिक विश्लेषक ये मान चुके थे कि हिमाचल के राजनीतिक पटल से धूमल परिवार का सूर्य धीरे-धीरे अस्त हो रहा है।
मगर अनुराग ठाकुर की जीत व बाद में उनके मंत्री बनने से धूमल परिवार को राजनीतिक संजीवनी मिल गई है। घटनाक्रम इतनी तेज़ी से घटा कि धूमल परिवार को हाशिए पर मानने वाले अब सकते में है। वहीं धूमल परिवार व उनके समर्थकों की अब बांछे खिल गई है। समर्थकों के लिए कल एक बड़ी काली रात के बाद दोबारा उम्मीद का सूरज उगा है। जिसकी सबसे अधिक ख़ुशी प्रेम कुमार धूमल को मिली है।