दिनेश कुंडलस/शिमला
हालांकि चुनाव में राजनीतिक खबरों की चर्चाओं को लेकर कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं होती, लेकिन चल रही परिस्थितियों के मुताबिक खबरें निकलती हैं। ताजा घटनाक्रम में पंडित सुखराम की कांग्रेस वापसी को लेकर अटकलें हैं। अब सवाल उठता है कि अचानक ही सोमवार को इस तरह की चर्चाएं फिर शुरू हो गई।
दरअसल उत्तर भारत के एक अंग्रेजी दैनिक ने दिल्ली से प्रकाशित खबर में इस बात के संकेत दिए हैं कि पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को कांग्रेस मंडी से चुनाव में उतार सकती है। पंडित सुखराम भी पोते के साथ दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। रोचक बात यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में पंडित जी के परिवार ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद बेटे अनिल शर्मा को भाजपा के टिकट पर जीत हासिल हुई। मौजूदा जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री भी हैं।
एक चर्चा यह भी है कि मंडी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सहित उनका परिवार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। यही स्थिति ठाकुर कौल सिंह के साथ भी है। यही कारण है कि मजबूरन कांग्रेस को भी पंडित सुखराम के पोते को टिकट देने पर विचार करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि आश्रय शर्मा ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था। इस पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती को यह कहना पड़ा था कि कोई भी संभावित उम्मीदवार जल्दबाजी में प्रचार न शुरू करे। दीगर है कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आज दिल्ली में हो रही है। इसमें टिकटों पर फैसला होने की संभावना है।
देखना यह भी होगा कि अगर वास्तव में पंडित सुखराम अपने पोते के साथ कांग्रेस वापसी कर रहे हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का रुख क्या होगा। मीडिया रिपोर्टस में तो यहां तक भी आना शुरू हो गया है कि ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अवगत करवा दिया है कि उनका बेटा आश्रय शर्मा कांग्रेस ज्वाइन कर रहा है।