एमबीएम न्यूज/नाहन
यंग आईएएस अधिकारी शिवम प्रताप सिंह की सोच आपको दंग कर देगी। दरअसल सिरमौरी युवाओं को अपनी तरह कामयाब बनाने की जिद कर रहे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों में काम भी कर रहे हैं। 2017 की यूपीएससी परीक्षा में देश भर में 52वां रैंक हासिल करने वाले उत्तराखंड के कांशीपुर के रहने वाले शिवम प्रताप सिंह ने जून 2018 में सिरमौर में अपना प्रोबेशन पीरियड शुरू किया है। यहां आकर पाया कि युवाओं को मार्गदर्शन की कमी के कारण मुकाम हासिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए महज 26 साल के आईएएस अधिकारी ने तय कर लिया कि युवाओं को निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था करेंगे।
अपने ही कार्यालय में एक खाली हॉल का इस्तेमाल होगा। बैंक, पीओ व एसएससी की कोचिंग के लिए यंग आईएएस ने देश की राजधानी से एक विशेषज्ञों की टीम का इंतजाम भी कर लिया है, जो जल्द ही यहां आकर युवाओं को कोचिंग प्रदान करेगी। यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी की जिम्मेदारी खुद उठाएंगे। सोमवार से अधिकारी ने युवाओं के साथ सीधा संवाद भी शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि 2017 बैच के आईएएस अधिकारी इस वक्त सिरमौर में डीआरडीए के परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
क्यों उठा ख्याल…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत के दौरान शिवम प्रताप ने कहा कि एक दिन महिमा पुस्तकालय जाने का मौका मिला। यहां विभिन्न प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी में जुटी भीड़ को देखकर अहसास हुआ कि कहीं न कहीं युवाओं को मार्गदर्शन की कमी है। तुरंत ही निशुल्क कोचिंग व्यवस्था का मन बना लिया। उन्होंने कहा कि बैंक पीओ व क्लर्क की परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए दिल्ली से टीम आएगी, जबकि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी वो खुद करवाएंगे। निशुल्क कोचिंग हासिल करने वालों की कोई संख्या नहीं होगी।
खुद हुए ट्रांसफर तो क्या…
फिलहाल आईएएस अधिकारी का प्रोबेशन पीरियड चल रहा है। इतना तय है कि पूरा जीवन सिरमौर में सेवाएं नहीं दे सकते। आप यह जानकर भी हैरान होंगे कि यह बात भी अधिकारी के जहन में मौजूद है। यही कारण है कि अधिकारी ने एक सोसायटी को बनाने की नींव भी रख दी है। इसके तहत निशुल्क कोचिंग की बागडोर खुद युवा संभालेंगे, जबकि इसके लिए वित्तीय संसाधन वो ही जुटाकर देंगे, चाहे उनकी पोस्टिंग कहीं पर भी हो। यंग आईएएस का यह भी मानना है कि अगर वह चंद युवाओं को भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनाने में सफल रहे तो जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होगी।
खुद कैसे पाई सफलता….
मूलतः उत्तराखंड के कांशीपुर के जसपुर के रहने वाले शिवम प्रताप सिंह ने इलैक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक की पढ़ाई की है। यूपीएससी की परीक्षा में दूसरे प्रयास में सफल रहे। उनका मानना है कि 10 घंटे की नियमित पढ़ाई यूपीएससी की परीक्षा की चुनौती को पार कर सकती है। बीटेक व एमबीबीएस युवाओं की यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बारे में पूछे गए सवाल पर शिवम प्रताप सिंह का कहना था कि विषयों का लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस या बीडीएस करने के बाद भी युवाओं में यूपीएससी का क्रेज बढ़ा है।