एमबीएम न्यूज/नाहन/हमीरपुर
पांवटा साहिब के एसडीएम रहे एचएएस अधिकारी एचएस राणा को स्टेट विजीलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने देर रात अधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया है। वीरवार शाम तक अधिकारी को हमीरपुर की अदालत में पेश किया जा सकता है। अधिकारी पर विनायक स्टोन क्रशर की एनओसी जारी करने की एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत अपने दलाल के माध्यम से मांगने का आरोप है। इस मामले में विजीलेंस की टीम ने दो दलालों को पांवटा साहिब से अरेस्ट कर लिया था, मगर शुरूआती जांच में अधिकारी को हिरासत में लिया गया था।
पांवटा साहिब में एसडीएम रहने से पहले आरोपी अधिकारी सुंदरनगर में इसी पद पर तैनात थे। पांवटा साहिब से अधिकारी का तबादला मंडी के धर्मपुर में भी एसडीएम के पद पर किया गया था। यहां से एक साल से कम समय में राणा का तबादला हमीरपुर के तकनीकी विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद पर हुआ। चूंकि मामला बेहद पेचीदा व एचएएस अधिकारी से जुड़ा हुआ है, लिहाजा विजीलेंस भी हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। हमीरपुर में तैनात स्टेट विजीलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो के डीएसपी बीडी भाटिया इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सीधे संभाल रहे हैं।
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लंबे अरसे तक सुंदरनगर, पांवटा साहिब व धर्मपुर में एसडीएम के पद पर रहने वाले राणा ने दलाल को एक लाख रुपए मिलने के बाद चंद मिनटों में ही चंडीगढ़ में फाइल पर साइन कर दिए थे। विजीलेंस की टीम एक साथ कई स्थानों पर सक्रिय रही। स्टेट विजीलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो के मंडी रेंज के एसपी डीके चौधरी ने एचएएस अधिकारी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि अदालत में पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शुरूआती कार्रवाई में अधिकारी को हिरासत में पूछताछ के लिए लिया गया था। सबूत मिलने की सूरत में गिरफ्तारी की गई है।
क्यों नालागढ़ में दबिश…..
दरअसल आरोपी अधिकारी की पत्नी नालागढ़ के बीडीओ कार्यालय में तैनात है। लिहाजा विजीलेंस की टीम उनके आवास की तलाशी लेना चाहती थी। हालांकि यह नहीं पता चला है कि महिला अधिकारी के घर से कुछ मिला है या नहीं, लेकिन एसपी डीके चौधरी ने यह साफ किया है कि सर्च के मकसद से दबिश दी गई थी। उल्लेखनीय है कि देर रात बीडीओ कार्यालय की महिला अधिकारी के घर विजीलेंस की टीम के पहुंचने से हडकंप मच गया था।