एमबीएम न्यूज/ शिमला
आखिर, युग हत्याकांड में तीन दोषियों को फांसी मुकरर्र हो ही गई। अब बड़ा सवाल इस बात पर पैदा हो रहा है कि आखिर दोषियों को कहां फांसी दी जाएगी। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जेल विभाग से जुड़े अधिकारियों से बात की तो यह जवाब आया कि देवभूमि मेें कहीं पर भी फांसी घर नहीं है। हालांकि पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि 60 के दशक में भी फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे अंबाला में फांसी पर लटकाया गया था। पंजाब के पटियाला में भी फांसी देने की व्यवस्था थी।
Big Breaking : युग हत्याकांड में तीन दोषियों को सजा- ए- मौत…. https://goo.gl/9VvJoX
सैशन कोर्ट केे फांसी सुनाने के फैसले पर हाईकोर्ट की मुहर लगेगी, तब ही इस आदेश को अंतिम माना जाएगा। गौरतलब है कि निचली अदालत द्वारा फांसी सुनाए जाने के बाद हाईकोर्ट की मंजूरी होती है। इसके अलावा फांसी के सजायाफ्ता कैदियों के सामने कई कानूनी विकल्प भी मौजूद रहते हैं। अदालत में दोषियों को फांसी की सजा सुनाने के बाद जज अपनी कुर्सी से उठकर चले गए थे। जुटाई जानकारी के मुताबिक फांसी की सजा न ही रात को और न ही दिन में दी जाती है। बल्कि सूर्योदय से कुछ देर पहले खास व्यवस्थाओं के तहत फांसी का प्रावधान होता है। देश की न्यायपालिका में भी शायद बहुत ही कम हुआ होगा, जब एक साथ तीन गुनाहगारों को फांसी की सजा दी गई होगी।
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15 साल पहले…
शिमला में फास्टटै्रक कोर्ट ने आन्ध्र प्रदेश के रहने वाले श्यामल राव रेड्डी को सजा-ए-मौत सुनाई थी। रेड्डी ने अपने एक साथी के साथ मिलकर ऑक्सलैंड होटल के मालिक संदीप सूद व उनकी मां पुष्पा सूद का बेरहमी से कत्ल कर दिया था। वारदात को 2001 में दिवाली की रात अंजाम दिया गया था। रेड्डी के साथी दीपराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। नाहन सैंट्रल जेल से रेड्डी 15-16 अगस्त 2004 की रात फरार होने में कामयाब हो गया था। 14 साल में रेड्डी का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इंटरपोल ने भी रैडकार्नर नोटिस जारी किया हुआ है। रेड्डी के फरार हो जाने की वजह से फांसीघर को तलाश करने की नौबत ही नहीं आई।
अब जेल में कैसा होगा सलूक…
फांसी की सजा मिल जाने के बाद तीनों दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाएगा। जेल विभाग के जानकारों का कहना है कि तीनों को अलग-अलग सैल में रखने के अलावा 24 घंटे खुली आंखों से सुरक्षा कर्मी निगरानी करेंगे। इसके अलावा कैदी नंबर भी अलॉट हो जाएगा। कंडा जेल के कार्यवाहक जेल अधीक्षक सुशील ठाकुर का कहना है कि नियमों के तहत सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कंडा जेल को सबसे सुरक्षित माना जाता है।