नाहन (एमबीएम न्यूज): आप यह जानकर आश्चर्यचकित होंगे, कैसे एक वनरक्षक 27,500 बीघा देवदार, कायल व रई के जंगल की रक्षा करता होगा। हकीकत में शिलाई वन परिक्षेत्र में 25 वर्षीय वनरक्षक जोगिंद्र सिंह ऐसा कर दिखा रहा है। 2015 से लोजा बीट में तैनात जोगिन्द्र सिंह को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है, क्योंकि उसे डयूटी का निर्वहन ईमानदारी से करने पर धमकियां मिलती हैं।
गत वर्ष जब अवैध कब्जे हटाए गए तो उसके साथ मारपिटाई भी की गई। मामला पुलिस तक भी पहुंचा। सनद रहे कि 2200 हैक्टेयर में फैले जंगल का रकबा 25 से 30 किलोमीटर का है, जो लोजा मानल, नाया पंजोड़ व हलाहं पंचायतों में फैला हुआ है। दरअसल ईमानदार वनरक्षक की कहानी उस वक्त सामने आई, जब मुख्यालय में माफियाओं, सरगनों पर अंकुश लगाने के मकसद से एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त ललित जैन ने की।
बैठक में डीसी ने एसडीएम शिलाई व डीएसपी को तत्काल प्रभाव से फोरेस्ट गार्ड जोगिंद्र सिंह को माफिया से मिल रही धमकियों पर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही सुरक्षा प्रदान करने को भी कहा। डीसी ने कहा कि फोरेस्ट गार्ड द्वारा वन माफिया पर अंकुश लगाने के लिए ईमानदारी से कत्र्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। इसके लिए जोगिंद्र सिंह बधाई का पात्र है। डीसी ने कहा कि एसडीएम कार्यालयों में एक गुप्त सूचना पेटी रखी जाएगी, जिसमें किसी भी प्रकार के माफिया संबंधी जानकारी दी जा सकती है।
जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में वनरक्षक जोगिंद्र सिंह ने कहा कि उनकी बीट 33 कंपार्टमेंटस में बंटी हुई है। अकेले इसकी सुरक्षा करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लूण लोटे की प्रथा प्रचलित है। इसके अंतर्गत सारा गांव एक हो जाता है। उन्होंने बताया कि उसे कई बार जंगल में बांध कर मारने की धमकियां भी दी जाती रही हैं।