शिमला (एमबीएम न्यूज): महज 28 साल 6 महीने की उम्र में आईपीएस साक्षी वर्मा एसपी बनी हैं। 31 अगस्त 1989 को पंजाब के राजपुरा में जन्मी साक्षी ने 2014 में आईपीएस बनने का गौरव हासिल किया था। यानि 24 साल की उम्र में आईपीएस बनी। इस उम्र में एसपी बनने वाली पहली महिला अधिकारी हो सकती हैं। जबकि दूसरी सबसे युवा एसपी होने की भी बात कही जा रही है।
2013 बैच के आईपीएस अधिकारी गौरव सिंह सबसे युवा एसपी रहे हैं, जिनकी उम्र 27 साल 7 महीने के आसपास है। हाल ही में गौरव सिंह का तबादला बस्सी बटालियन में बतौर कमांडेंट किया गया है, लेकिन दो मर्तबा बद्दी व लाहौल-स्पीति में सबसे यंग एसपी रह चुके हैं। करीब 27 साल की उम्र में एसपी बन गए थे। आईपीएस गौरव सिंह का जन्म एक जुलाई 1990 को हुआ है। आईपीएस की परीक्षा महज 23 साल की उम्र में उत्तीर्ण की थी। इस समय पुलिस अधीक्षकों में साक्षी वर्मा सबसे युवा एसपी हो गई हैं।
कुल्लू की एसपी शालिनी अग्रिहोत्री 29 साल की हो चुकी हैं। 14 जनवरी 1989 को जन्मी शालिनी अग्रिहोत्री ने भी 23 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईपीएस बनने का रुतबा हासिल किया था। कुल्लू में बतौर एसपी शालिनी अग्रिहोत्री की बेमिसाल उपलब्धियां रही हैं। इसमें नशे के कारोबार के खिलाफ शिकंजा अहम है।
उधर किन्नौर संवाददाता जीता सिंह नेगी के मुताबिक सोमवार को आईपीएस साक्षी वर्मा ने बतौर पुलिस अधीक्षक पदभार संभाल लिया है। इससे पूर्व वह शिमला में सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान वर्मा ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ड्रंकन ड्राईविंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, ताकि सडक़ दुर्घटनाआों में कमी लाई जा सके।
युवा एसपी ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से सटीक कदम उठाने का प्रयास किया जाएगा। पुलिस द्वारा लोगों से मारपिटाई व अभद्र व्यवहार को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने कहा कि पुलिस का व्यवहार सही होना चाहिए। पुलिस अनुशासित होनी चाहिए, जिसकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना सामने आने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।