नाहन (रेणु कश्यप): आप यह जानकर हैरान होंगे, सिरमौर के नवनियुक्ति डीसी ललित जैन(34) ज्वाइनिंग के बाद से ही पैदल कार्यालय पहुंचते हैं। वो भी 10 नहीं बल्कि साढ़े 9 बजे। नए हैं, लिहाजा बाजार व सडक़ों पर ज्यादा लोग पहचानते भी नहीं हैंं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को डीसी के इस फैसले की भनक लगी तो स्पष्ट शब्दों में वजह पूछी।
बताया, सुबह साढ़े 9 बजे ऑफिस पहुंच जाता हूं। जरूरी फाइलें आसानी से निपट जाती हैं। किसी भी कर्मचारी को साढ़े 9 बजे आने का दबाव नहीं है। लेकिन पीए बलदेव भी साढ़े 9 बजे से कुछ समय पहले पहुंच जाते हैं। इतना जरूर है कि मेरे साढ़े 9 बजे पहुंचने की वजह से स्टाफ ठीक 10 बजे पहुंच जाता है। समय से आधा घंटा पहले पहुुंचने के पीछे अधिकारियों को यह संदेश देना भी है कि डयूटी के प्रति सजगता बरतें।
पैदल चलने की वजह के बारे में डीसी ललित जैन ने कहा कि फिलहाल सरकारी आवास पर शिफ्ट नहीं किया है, लिहाजा सर्किट हाऊस में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्किट हाऊस से अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल कर कार्यालय पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम को मुख्य बाजार से होकर निकला तो यह देखकर अच्छा लगा कि शहर में स्वच्छता है। उन्होंने कहा कि शहर के अलग-अलग प्वाइंटस के बारे में खुद ही जानकारी जुटा ली है।
बताया यह भी जा रहा है कि सिरमौर के डीसी यहां के इतिहास का भी अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर की तंग गलियों से भी गुजरते हैं। शहर की आर्किटेक्चर प्रणाली बेहद प्रभावशाली है। मूलत: पंजाब के खरड़ के रहने वाले युवा आईएएस ललित जैन ने चंद रोज में ही प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने का प्रयास किया है।
विशेष बातचीत के दौरान कहा कि मूड होने पर वापसी में भी पैदल जाने को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि जैन का परिवार अब संपन्न है, लेकिन जिस वक्त वो आईएएस बने थे, उस वक्त पिता न्यूज पेपर एजेंट के तौर पर कार्य कर रहे थे। आज भी परिवार ने अपने पुराने पेशे को बनाए रखा है। सनद रहे कि हाल ही में सूबे के मुख्य सचिव विनित चौधरी कार्यभार संभालते ही सचिवालय अधिकारियो को 10 बजे ऑफिस पहुंचने की नसीहत दी थी, लेकिन शायद इसका असर काफी कम हुआ।