शिमला (शैलेंद्र कालरा) : “तनु वैडस मनु रिटर्न्स” की प्रमोशन में व्यस्त हिमाचल की बेटी कंगना रणौत को फिलहाल ब्रांड एंबेस्डर बनने के लिए प्रस्ताव नहीं मिला है। हिमाचल में पर्यटन को प्रोत्साहित करने में बतौर ब्रांड एंबेस्डर बनने का प्रस्ताव मिलने के बाद ही कंगना कोई फैसला ले सकती है।
हालांकि खबर यह भी थी कि बेहद प्रतिभाशाली कंगना का 2017 तक बेहद बिजी शैडयूल है। लेकिन कंगना की बहन रंगोली रणौत ने एमबीएम न्यूज से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि पहले कोई प्रस्ताव मिलने दीजिए, इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जहां तक व्यस्तता का सवाल है तो अपने राज्य के लिए समय निकल सकता है। लेकिन इसके लिए काफी फैक्टर देखने पड़ते हैं।
गौर हो कि रंगोली ही कंगना के मैनेजर का कार्य भी देखती हैं। हाल ही में अपने अभिनय से नेशनल अवार्ड जीत कर कंगना रणौत ने नैशनल मीडिया की सुर्खियां बटोरी थी। पहाड़ी राज्य हिमाचल से फिल्म जगत में भोजपुर फिल्मो के सुपरस्टार रह चुके राकेश पांडे व अनुपम खेर हालांकि पुराने नाम हैं, लेकिन नई पीढ़ी में कंगना व प्रीति जिंटा ने हिमाचल का नाम बुलंदियों पर पहुंचाया है। इसके अलावा पाशर्व गायिकी में मोहित चौहान भी अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
रैसलिंग वर्ल्ड के महारथी “द ग्रेट खली” भी हिमाचल का नाम हॉलीवुड तक पहुंचा चुके हैं। छोटी उम्र में कंगना ने दो बार नेशनल फिल्म अवार्डस के अलावा तीन फिल्म फेयर अवार्ड भी जीते हैं। मंडी जिला के भांबला गांव में जन्मी कंगना ने फिल्मी जगत में अपने कैरियर की शुरूआत गैंगस्टर फिल्म से की थी। इसी फिल्म में ही कंगना ने बेस्ट फिल्म डैब्यूट का फिल्म फेयर अवार्ड जीत का अपनी प्रतिभा का कायल हर किसी को कर दिया था।
कैसे हिमाचली दे सकते हैं कंगना को स्नेह?
इन दिनों प्रदेश की बेटी अपनी नई फिल्म तनु वैडस मनु रिटर्न्स की प्रमोशन में लगी हुई हैं। फिल्म जितनी हिट रहेगी, उतना ही कंगना को भी उत्साह मिलेगा। इसी के चलते उत्तर भारतवासियों खासकर हिमाचलियों को फिल्म की प्रमोशन में कुछ न कुछ योगदान देना चाहिए।
कहीं जल्दबाजी तो नहीं कर दी पर्यटन विकास बोर्ड ने?
यह सराहनीय कदम है कि हिमाचल की बेटी को ही ब्रांड एंबेस्डर बनाया जाए। लेकिन कंगना को प्रस्ताव भेजने से पहले ही यह बात मीडिया में आ गई है। लिहाजा कंगना प्रस्ताव मिलने से पहले न तो सहमति दे सकती है और न ही असहमति। बेहतर होता कि पहले कंगना को प्रस्ताव सौंप कर विस्तृत चर्चा कर ली जाती। इसके बाद कोई कदम उठाया जाता।