शिमला (एमबीएम न्यूज): आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स ने अपनी राजनीतिक विरासत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सौंप दी है। स्टोक्स ने ठियोग विधानसभा सीट की कुर्बानी मायूस होकर नहीं, बल्कि मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री को दी है। दरअसल रविवार को स्टोक्स के साथ समर्थक सीएम वीरभद्र सिंह को मिलने ऑकओवर पहुंचे थे। स्टोक्स समर्थकों ने सीएम को फूलों से लाद दिया। साथ ही कहा कि उसी तरह से वोट व समर्थन देंगे, जिस तरीके से आज तक स्टोक्स को देते आए हैं।
अपनी राजनीतिक विरासत को सीएम को सौंप स्टोक्स ने सक्रिय राजनीति को भी अलविदा कह दिया है। स्टोक्स पहले ही कह चुकी हैं कि उनकी नजर में कोई परिपक्व व्यक्ति नहीं था, जिसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकती। लिहाजा मुख्यमंत्री वीरभद्र से बेहतर ठियोग के लिए कोई दूसरा नहीं हो सकता। उनका यह भी कहना था कि पारिवारिक मजबूरियों की वजह से चुनाव नहीं लड़ रही हैं। बच्चों की इच्छा है कि बहुत हो गया, अब आराम चाहिए।
यह रही है स्टोक्स की राजनीतिक पृष्ठभूमि..
8 दिसंबर 1927 को जन्मी स्टोक्स ने कांग्रेस की सदस्यता 1970 में ग्रहण की थी। अगले सात सालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा रहने के अलावा संगठन के अलग-अलग पदों पर रही। 1974 के उप चुनाव में पहली बार विधायक बनी। 1984 में पहली बार इंडियन महिला हॉकी फैडरेशन की अध्यक्षा चुनी गई। 2003 तक इस पद पर रही। इसी दौरान एशियन हॉकी फैडरेशन की उपाध्यक्षा भी बनी। 5 अगस्त 2010 को 83 साल की उम्र में प्रगट सिंह को हराकर हॉकी इंडिया की अध्यक्षा बनी। 1982 से 1998 तक लगातार चुनाव जीतती रही। कई बार मंत्री रही।
2012 का चुनाव जीतने के बाद आईपीएच मंत्री का पदभार संभाला। इसके अलावा स्टोक्स की झोली में जीवन की बेशुमार उपलब्धियां हैं। राजनीति के साथ-साथ हॉकी में खास उपलब्धियां प्राप्त की। 1994 में असम विधानसभा चुनाव में पार्टी की प्रभारी भी रही। 1997 में यही जिम्मेदारी पंजाब ने भी निभाई। 1977 में एशियन महिला सहकारी कांफ्रैस को क्वालालमपुर में आयोजित किया गया, जिसमें स्टोक्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। स्टोक्स ने अपने जीवन में 8 विधानसभा चुनाव जीते हैं।