शिमला (एमबीएम न्यूज़) : कांग्रेस की ओर से वीरभद्र सिंह को अगला सीएम कैंडिडेट घोषित करने और उन्हें चुनावी कमान सौंपने के राहुल गांधी के ऐलान से कांग्रेस पार्टी ने विपक्षी भाजपा पर मनोवैज्ञानिक बढ़त तो बना ली है, साथ ही खेमेबाजी में बंटे कांग्रेस नेताओं को एकजुट भी कर दिया है। वीरभद्र सिंह को फ्री हैंड मिलने से शिमला जिले की सभी सीटों पर अब कांग्रेस को बेहतर परिणाम आने की उम्मीद है। चुंकि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह स्वयं शिमला से प्रतिनिधित्व करते हैं, लिहाजा जिले के सभी चुनाव क्षेत्रों में वीरभद्र फैक्टर का खासा प्रभाव दिख सकता है।
8 विधानसभा क्षेत्रों वाले शिमला जिले में 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और 1-1 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व निर्दलीय के खाते में है। ज्यादातर हल्कों से कांग्रेस और भाजपा पार्टी के कई दावेदार सामने आए हैं। कांग्रेस भवन में कांग्रेस टिकट के लिए बड़ी तादाद में कई नेता आवेदन कर चुके हैं, जबकि भाजपा ने प्रत्याशियों को फाइनल करने के लिए राज्य स्तरीय कमेटी गठित की है।
जिले की आधी से ज्यादा सीटों में टिकट आबंटन को लेकर भाजपा और कांग्रेस में घमासान मचा है। एक-एक सीट पर आधा दर्जन दावेदार उभर कर सामने आए हैं। शिमला शहरी सीट के लिए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त और जिला अध्यक्ष संजय सूद दावेदारी जता रहे हैं। वर्तमान विधायक सुरेश भारद्वाज को कुर्सी बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। लगातार दो बार भारद्वाज इस सीट से जीतते आ रहे हैं।
वहीं इस सीट से कांग्रेस में भी एक अनार सौ बीमार की स्थिति खड़ी हो गई है। वीरभद्र सिंह के करीबी हरीश जनार्था यहां से इस बार फिर किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। पिछला चुनाव वह मात्र कुछ सौ वोटों से हार गए थे। वहीं पूर्व विधायक हरभजन भज्जी व आदर्श सूद सहित युवा नेता वेद प्रकाश ठाकुर व कर्मचारी नेत्री सुनीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
वीरभद्र सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र शिमला ग्रामीण को बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए छोड़ने का एलान कर चुके हैं। फिलहाल शिमला ग्रामीण से विक्रमादित्य का दावा मजबूत है। इस हल्के से भाजपा अभी तक चेहरा नहीं दे पाई है। भाजपा इस बार यहां किसी ऐसे चेहरे पर भाग्य आजमाना चाहती है, जो विक्रमादित्य को परास्त कर सके। पूर्व प्रत्याशी ईश्वर रोहाल सहित वीना ठाकुर, पार्षद किरण बाबा, योगेश्वर शर्मा, रवि मेहता, प्यार सिंह और गुरूदत शर्मा टिकट की रेस में हैं।
शिमला शहर से सटे कुसंपटी हल्के में वर्तमान विधायक अनिरूद्व सिंह का टिकट पक्का है। जबकि भाजपा के छह-सात नेता टिकट की कतार में हैं। इनमें पूर्व प्रत्याशी प्रेम ठाकुर, पृथ्वी सेन, रूपा शर्मा और अन्य कुछ नेता चर्चा में हैं। कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस हैं। इस सीट से भाजपा में राकेश बर्मा, डॉक्टर लोकेंद्र व संदीपनी भारद्वाज के बीच टिकट को लेकर जंग चल रही है। ठियोग से माकपा अपने प्रभावशाली नेता व पूर्व विधायक राकेश सिंघा को मैदान में उतारने की घोषणा कर चुकी है।
कांग्रेस के परंपरागत गढ़ों रोहड़ू व रामपुर पर भाजपा की पैनी नजर है। यहां भाजपा नए चेहरे दे सकती है।
इन सीटों पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का खासा प्रभाव रहता है। कांग्रेस पार्टी की ओर से वीरभद्र सिंह को सीएम कैंडिडेट घोषित करने की वजह से उनके पास इन सीटों पर कांग्रेस को जिताने की जवाबदेही है। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायकों नंद लाल और मोहन लाल ब्रागटा को फिर मौका मिल सकता है, वहीं भाजपा यहां से नए चेहरों की तलाश कर रही है। वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मोहन लाल ब्राक्टा ने 28 हजार मतों से जीत दर्ज कर नया रिकार्ड स्थापित किया था। रामपुर से पूर्व आईएएस प्रेम सिंह ध्रैक दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व कांग्रेस मंत्री सिंघी राम का भी नाम भाजपा की टिकट पर चर्चा में है। भाजपा में शामिल होने के लिए वह भाजपा के बड़े नेताओं से संपर्क में बने हुए हैं। रोहड़ू में भाजपा से जिला परिषद सदस्य अरविंद्र धीमान, जिला महासू महिला अध्यक्ष शशि बाला और बालक राम के नाम कतार में हैं।
चौपाल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा में पूर्व शिक्षा मंत्री राधारमण शास्त्री, सीमा मेहता, बलबीर बर्मा और अमित चौहान टिकट की रेस में हैं। यहां से अभी बलबीर बर्मा विधायक हैं, जिन्होंने पिछला चुनाव निर्दलीय लड़ा था और चार साल तक कांग्रेस के एसोसिएट सदस्य रहने के बाद हाल ही में वह भाजपा में शामिल हो गए। इस सीट से कांग्रेस में पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट, रजनीश किमटा और आईएएन मेहता टिकट के दावेदारों में है। जुब्बल कोटखाई में वर्तमान विधायक व सीपीएस रोहित ठाकुर को इस बार कांग्रेस का टिकट मिलना तय है। जबकि भाजपा में पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा की टिकट पर पशापेश बना हुआ है। भाजपा यहां से किसी नए चेहरे व महिला प्रत्याशी पर भाग्य आजमा सकती है। टिकट की दौड़ में जिला परिषद सदस्य नीलम सरकैक का नाम लिया जा रहा है।