नाहन (एमबीएम न्यूज): अस्पताल में दाखिल मरीज को जब ग्लूकोज या रक्त चढ़ रहा हो तो तिमारदार को सबसे बड़ी चिंता रहती है कि बॉटल खाली होने पर लापरवाही होने की सूरत में कोई अनहोनी न हो जाए। लिहाजा तिमारदार रातों को भी पलक नहीं झपकते हैं।
आप यकीन कीजिए, कालाअंब मार्ग पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मोगीनंद के छात्रों ने एक गजब तरकीब निकाली है। त्रिलोकपुर में आयोजित चिल्ड्रन साईंस कांग्रेस में पेश किए गए मॉडल में इस बात का खुलासा बखूबी किया गया कि ग्लूकोज या फिर ब्लड खत्म होने पर कैसे डॉक्टर या फिर नर्स के डयूटी रूम में घंटी बज उठेगी। लिहाजा रात के अंधेरे में तिमारदारों को डयूटी पर तैनात डॉक्टर या नर्स को ढूंढने के लिए नहीं दौडऩा पड़ेगा।
खास बात यह है कि घंटी के साथ-साथ एक लाइट भी बलिंक होगी। स्कूल के नन्हें वैज्ञानिक अभिषेक व सलोनी ने इस उपकरण का एक मॉडल पेश कर प्रशंसा जुटाई है। मार्गदर्शक व भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता डॉ. संजीव अत्री का कहना है कि सृजनात्मक सोच के तहत बनाए गए इस मॉडल को बिना विलंब के इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पूरी तरह से फंक्शनलन है। महज 150 रुपए के खर्च पर फंक्शनल मॉडल तैयार किया गया है।