पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): जामनीवाला स्कूल में जमा एक की छात्रा पूनम की मौत के मामले में पुलिस ने हत्या की थ्यौरी को खारिज नहीं किया है। इस मामले की विडंबना यह है कि जब 11वीं कक्षा की छात्रा का अपना ही परिवार साजिश में शामिल हो गया तो न्याय कौन मांगेगा। यह अलग बात है कि फिलहाल पुलिस ने सबूतों को मिटाने को लेकर अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है।
सनद रहे कि करीब 8 दिन पहले गांव के समीप ही मिट्टी का तेल छिडक़ कर एक शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब बात फैली तो पुलिस हरकत में आई। यह पता चला कि अंतिम संस्कार तो हुआ है। बयानों के आधार पर पूनम के शव का अंतिम संस्कार होने के निष्कर्ष पर पुलिस पहुंच गई। वास्तव में डीएनए रिपोर्ट ही इस बात की तस्दीक करेगी कि क्या पूनम का ही अंतिम संस्कार हुआ है या नहीं।
उधर एसपी रोहित मालपानी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से विशेष बातचीत में कहा कि हत्या के एंगल को खारिज नहीं किया गया है। डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आने में वक्त लग रहा है। पुलिस की थ्यौरी यह कह रही है कि युवती की मौत करंट लगने से हुई। इस सवाल का जवाब पुलिस के पास फिलहाल नहीं है कि आखिर युवती रात को साढ़े 11 बजे घर से दूर खेतों में क्यों गई थी। एसपी का कहना है कि आधे शव की तलाश दोबारा की जाएगी।
सनद रहे कि इस मामले में पुलिस ने दो व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-304ए का मामला दर्ज किया था, जबकि सबूत मिटाने का मामला परिवार के सदस्यों के खिलाफ हुआ था। इस मामले में नई प्रगति यह है कि मौके पर बिजली बोर्ड के एक्सईएन ने भी दौरा किया है। इसके बाद यह बात पाई गई कि बिजली की चोरी कर खेतों में करंट की तारें लगाई गई थी। लिहाजा पुलिस ने इलैक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 की सेक्शन 135 को भी शामिल कर लिया है।