शिमला (एमबीएम न्यूज़) : पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने सूबे के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आज निशाने पर लिया और उन्हें नैतिकता के आधार पर तुरंत मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की नसीहत दे डाली। मीडिया से मुखातिब मेजर मनकोटिया ने अपनी पूरी प्रेस कांफेंस में केवल और केवल वीरभद्र सिंह पर ही निशाना साधा तथा उन पर कांग्रेस के दूसरी पंक्ति के नेतृत्व को खत्म करने का आरोप जड़ दिया।
मनकोटिया यहीं नहीं रूके, उनका यह भी कहना था कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे वीरभद्र सिंह ने पूरे हिमाचल को शर्मशार कर दिया है। सताधारी दल कांग्रेस एक बेहद गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है, जिसके जिम्मेवार वीरभद्र सिंह ही हैं। कांग्रेस की अपनी खुफिया एजेंसियों के सर्वे के अनुसार पार्टी विधानसभा चुनाव में दोहरा आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी। मनकोटिया ने कहा कि आगामी दिनों में वह भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त सत्ता के करीबी राजनेताओं और अधिकारियों का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं अब गेम चेंजर बनूंगा और राजनीति का चित्र ही बदल दूंगा।
वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मनकोटिया ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका भाजपा में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है, न ही इस बारे भाजपा नेताओं ने उनसे संपर्क किया है। लेकिन यह तय है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह शाहपुर हल्के से किसी न किसी रूप चुनाव जरूर लडेंगे। मनकोटिया ने कहा कि वह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बंधूआ मजदूर नहीं हैं।
मनकोटिया ने पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से हटाने संबंधी अधिसूचना पत्र मीडिया को दिखाते हुए कहा कि इस पत्र के आखिरी चार शब्द हैरत भरे हैं जिसमें कहा गया है कि पब्लिक इंटरेस्ट में उन्हें इस पद से हटाया गया है। मनकोटिया ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि प्रदेश की 80 फीसदी जनता वीरभद्र सिंह को अब सीएम की कुर्सी पर ही देखना नहीं चाहती है। इसका कारण यह है कि वीरभद्र सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं और इसक कारण हिमाचल की छवि खराब हो रही है।
मनकोटिया ने आगे कहा कि यह भी कहना बड़ा अटपटा है कि वीरभद्र सिंह छटी बार सीएम बने हैं। एक बार वह नोमिनेटड सीएम थे। इस तरह वह पांचवी बार ही सीएम रहे हैं। मनकोटिया के अनुसार वह वीरभद्र सिंह को लोकप्रिय नेता नहीं मानते, क्योंकि वीरभद्र सिंह लगातार कांग्रेस पार्टी को सत्ता में काबिज करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कहा कि निरंतर जीतने वाले मुख्यमंत्रियों नवीन पटनायक, शिवराज सिंह चौहान और रमण सिंह की तरह वीरभद्र सिंह कभी करिश्मा नहीं दिखा पाए हैं।
वीरभद्र सिंह पर बिफरते हुए मनकोटिया ने कहा कि उनकी अगुवाई में कांग्रेस पार्टी गर्त पर पहुंच गई है और हाईकमान को तुरंत इसका संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सुजानपुर और भोरंज उपचुनाव हार चुकी है। लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर करारी हार हुई थी। हाल ही में शिमला नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी की पहली बार हार हुई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मनकोटिया ने कहा कि एक तरफ वीरभद्र सिंह के वकील दिल्ली हाईकोर्ट में इस आग्रह के साथ जमानत मांग रहे हैं कि वीरभद्र सिंह 84 साल में प्रवेश करने वाले हैं, उनकी सेहत ठीक नहीं रहता, उनकी बाईपास सर्जरी हुई है, ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए। दूसरी तरफ वीरभद्र सिंह सातबीं बार मुख्यमंत्री बनने की बात कह रहे हैं।
मनकोटिया ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने सारी नैतिकताएं ताक पर रख दी हैं। उनके पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। इस वजह से हिमाचल की बदनामी हो रही है। इस सूरत में मुख्यमंत्री को खुद अपने पद से त्याग पत्र देकर सम्मानपूर्वक विदाई ले लेनी चाहिए।
इस दौरान मनकोटिया ने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले का उल्लेख करने वाली पत्रिका भी मीडिया को दिखाई और कहा कि मुख्यमंत्री यदि पाक-साफ होते तो वे इस पत्रिका के खिलाफ मानहानि का दावा करते। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार बीते चार के कार्यकाल में बेरोजगारी दूर करने और कंपनियों का निवेश करवाने के मुददों पर नाकाम रही है।