शिमला (एमबीएम न्यूज़) : कहावत है, कभी ऊंट पहाड़ के नीचे, तो कभी पहाड़ ऊंट के नीचे, यह कहावत चरितार्थ हुई है, इस बार शिमला के निगम चुनाव में। जिस तरह देश भर में आज शिक्षण रिजल्ट में लड़कियां लगातार बाजी मार रही हैं, ठीक वैसा ही नजारा इस बार शिमला के नगर निगम चुनाव में देखने को मिला।
यहां के नगर निगम चुनाव में इस बार पुरुष पार्षदों की स्थिति अल्पसंख्यक वाली हो गयी है और निगम के पार्षद की कुल सीट पर लगभग 60 फीसदी महिलाओं का कब्जा हो गया है। इस बार का चुनाव कुल 34 वार्डों के लिए किया गया था। 34 सीटों में 20 पर महिला पार्षद चुन कर आयी हैं, जबकि इस बार मात्र 14 सीटों पर पुरुष पार्षदों का कब्जा रहा है। इस बार महिलाओं के लिए 17 सीटों का आरक्षण था।
दिलचस्प यह है कि निगम चुनाव में जीत का परफॉरमेंस महिलाओं का काफी बेहतर रहा और आरक्षण के अलावा अन्य सीटों से भी कुल 3 महिलाओं ने जीत दर्ज की है। इनमें रामबाजार वार्ड से कांग्रेस समर्थित सुषमा कुठियाला, संजौली वार्ड से भाजपा की सत्या कौंडल और न्यू शिमला वार्ड से कांग्रेस की कुसुम लता शामिल हैं। सबसे अधिक मार्जन से जीत का रिकार्ड भी महिला पार्षद के नाम रहा। बैनमोर से भाजपा समर्थित प्रत्याशी 566 मतों से विजयी रहीं।
वहीं इस बार मेयर का पद भी महिला के लिए आरक्षित है। महिलाओं के अलावा इस बार का निगम चुनाव नये चेहरों के नाम रहा है। जीत के परिणाम के आधार पर देखा जाये, तो 90 फीसदी से अधिक नये चेहरे निगम की राजनीति में दाखिल हो चुके हैं। इस बार जीत कर आनेवाले मात्र आधा दर्जन के लगभग ही पार्षद ऐसे हैं, जो पहले पार्षद रह चुके हैं।