शिलाई (एमबीएम न्यूज): चालक की मामूली सी चूक कई जिंदगियों पर भारी पड़ जाती है। इसका उदाहरण रोहनाट के समीप सोमवार को करीब साढ़े 11 बजे देखने को मिला। तीन नन्हें बच्चे समीर (9), तनु (7) व गन्नु (4) भी अपने माता-पिता के साथ उस अभागी कार में सफर कर रहे थे, जो अनियंत्रित होकर बंगाल खड्ड में समा गई। अपनी आंखों से दो करीबी रिश्तेदार युवकों के साथ-साथ अपनी मां को भी दम तोड़ते देखा।
लाजमी सी बात है कि नन्हें बच्चों का दिल सिहर उठा होगा। गौरतलब है कि शिलाई के अजरौली की रहने वाली 31 वर्षीय तारा देवी की इस हादसे में घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि पति बलबीर सिंह पुत्र अनंत राम को घायल हालत में शिलाई से पांवटा साहिब रैफर किया गया है। इसके अलावा चौपाल के खादर गांव के रहने वाले 22 वर्षीय कपिल व 18 वर्षीय नवीन ने भी घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था।
मौके पर रेस्क्यू में जुटे लोग भी बच्चों के आंसू पोंछने में लगे रहे होंगे। कुदरत का भी कमाल है, मासूम बच्चों से उनकी आंखों के सामने ही मां का साया उठा दिया। पिता भी जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। जो कार दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस पर अभी तक नंबर भी नहीं लगा था। यानि हाल ही में खरीदी गई होगी।
अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कार कौन चला रहा था। वजह तेज रफ्तारी थी या नहीं। मौके पर पैराफिट थे या नहीं। रोहनाट-फेडिसपुल-नेरवा सडक़ मार्ग जोखिमपूर्ण है। क्रेश बैरियर कुछ हिस्सों में लगे हैं, लेकिन पूरी सडक़ इससे लैस नहीं हुई है। उत्तराखंड की सीमा पर टौंस नदी के किनारे इस मार्ग को नेशनल हाईवे का दर्जा भी हासिल हो चुका है, जो उत्तराखंड के त्यूणी व शिमला जिला के रोहडू को भी जोड़ती है।