शिमला (एमबीएम न्यूज) : डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट की मदद एक युवती को मंहगी पड़ी और पुलिस ने आज उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। दरअसल अभ्यर्थी ने एमबीबीएस में दाखिले के लिए विकलांगता का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर कोटे के तहत प्रवेश के लिए आवेदन किया था। बीते 8 सितम्बर को काउंसलिंग कर रही आईजीएमसी के डॉक्टरों की कमेटी के समक्ष अभ्यर्थी हाजिर हुई, तो यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
युवती ने खुद को विकलांग बताया था और बाकायदा शिमला के रिप्पन अस्पताल से जारी विकलांगता प्रमाण पत्र काउंसलिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया। मगर डॉक्टर हैरान थे कि युवती विकलांग नहीं लग रही है। लिहाजा डॉक्टरों को विकलांगता प्रमाण पत्र संदिग्ध लगा और इसकी जांच बिठाई गई। रिप्पन अस्पताल से जवाब मांगा गया, जिसमें अस्पताल ने स्पष्ट किया कि युवती को विकलांगता पत्र जारी नहीं किया गया है। इसके बाद फर्जीवाडे का खुलासा हुआ और आईजीएमसी के एमएस ने आज सदर थाना में अभ्यर्थी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।
शिमला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र मामले में युवती के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 420 व 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की तफतीश शुरू कर दी गई है और जल्द दस्तावेजों को खंगाला जाएगा तथा अभ्यर्थी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।