नेरचौक (कपिल सेन) : मिनी पंजाब के नाम से विख्यात बल्ह घाटी में हो रहे अवैज्ञानिक खनन से घाटी रेगिस्तान बनने की कगार पर है। प्रशासन घाटी में दिन-रात जारी अवैध खनन पर रोक लगाने
में पूरी तरह से विफल नजर आ रहा है। खनन कारोबारी इस अवैध कारोबार को सरकार द्वारा बनाए गए नियमों एवं निर्देशों की अवहेलना कर खूब चांदी कूट रहे हैं। मगर प्रशासन के लिए इस अवैध कारोबारियों को पकड़ना मानो मगरमच्छ के मुंह में हाथ डालने के बराबर हो गया है।
बल्ह घाटी में अवैध कारोबारी इस कारनामे को प्रशासन के नाक तले ही अंजाम दे रहे हैं। प्रशासन के कार्यालयों के आस-पास ही खनन में दर्जनों जेसीबी द्वारा इस गोरख-धन्धे को अंजाम दिया जा रहा है। जिससे अब घाटी के बुद्धिजीवी वर्ग ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करना शुरू कर दिये हैं।
लोगों में इस बात को लेकर चर्चा रहती है कि खनन में संलिप्त अवैध कारोबारियों से मानो कोई आपसी सांठ-गांठ है, जिससे इस अवैज्ञानिक ढंग से हो रहे कारोबार को बेखौफ अंजाम दिया जा रहा है। बल्ह घाटी की सुकेती खड्ड, लोहारी खड्ड, भ्यारटा का कारगिल आदि स्थान तो ऐसे हैं, जहां दर्जनों जेसीबी मशीनों के माध्यम से दिन-रात अवैध खनन बदस्तूर जारी है। नतीजतन जलस्तर के नीचे चले जाने से पेयजल स्त्रोत पूरी तरह से सूख गये हैं।
वहीं सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति हेतू लाखों करोड़ों रूपयों खर्च कर बिछाई गई पाईप लाईनें, जोकि तोड़ी जा रही हैं। जिससे बल्ह के किसानों व नगदी फसल बीजने वाले किसानों को खेतों की सिंचाई व पेयजल की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। फलस्वरूप क्षेत्रवासियों को पेयजल एवं सिंचाई सुविधा हेतू पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। वहीं सम्बंधित विभाग उचित कार्रवाई न कर आंखें मूंदे बैठा है।
लोगों को घरों तक पहुंचने वाले पारम्परिक रास्ते भी बन्द हो रहे हैं, जिससे घरद्वार तक पहुंचने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जहां अवैध खनन से आने वाले विकराल समस्या से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने अवैज्ञानिक रूप से हो रहे इस कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रशासन पुलिस सहित आधा दर्जन से भी अधिक विभागों को अवैध खनन पर कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है। मगर सभी सरकार के आदेशों को अनदेखा कर इस अवैध कारोबार को फलने-फूलने दे रहे हैं।
केवल मात्र वाहनों के कभी-कभी चालान कर प्रशासन व पुलिस अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। मगर अवैध कारोबारियों के लिए चालान द्वारा किया गया जुर्माना देना कोई बड़ी बात नहीं है। वे जुर्माना भर अपने कारोबार को अंजाम देना जारी रख अपनी मोटी कमाई में बेइंतहा इजाफा कर रहे हैं। जबकि इस अवैध कारोबार से सरकारी राजस्व को भारी नुक्सान हो रहा है। जहां अवैध खनन से प्रभावित होने वाले ग्रामीण प्रशासन से उचित कार्रवाई के लिए गुहार भी लगाते हैं, मगर कार्रवाई न होकर उन्हें दबंगई अवैध कारोबारियों की दादागिरी का सामना कर जिल्लत झेलनी पड़ती है।
अवैध खनन की रोकथाम के लिए कभी-कभी छापेमारी की जाती है। आने वाले समय में भी विभाग अवैध खनन रोकने के लिए गम्भीरता से कार्य करेगा।
राजीव कालिया- जिला खनन अधिकारीअवैध खनन रोकने के लिए सम्बंधित विभागों को सख्त निर्देश जारी किये जाएंगे।
संदीप कदम- उपायुक्त मंडी