मंडी,16 अप्रैल : कुदरत ने मौसम के अनुरूप ऐसे फल-फूल और सब्जियां को नवाजा है ,जिसके सेवन से बीमारियां नजदीक नहीं फटकती है। ग्रामीण परिवेश में रहने वाले इन प्राकृतिक उत्पादों के महत्व को भली भांति जानते हैं। कड़ी मेहनत कर इन्हें बाजारों में बेचने के लिए भी लाते हैं। इन दिनों छोटी कांशी के बाजारों में प्राकृतिक रूप से मिलने वाले बुरांश के फूल, फेगड़ी, कचनार, त्रयाम्बलु, लिंगड़ और जंगली साग सहित अन्य सब्जियां बिक्री के लिए लाई जा रही हैं। इन फूलों और सब्जियों की खेती नहीं की जाती, ये प्राकृतिक रूप से जंगलों से प्राप्त होते हैं।
ऐसे में यह भी स्वाभाविक है कि किसी भी तरह की खाद का कोई इस्तेमाल नहीं होता। यही कारण है कि चाव से इसका सेवन किया जाता हैं। बुरांश फूल बेचने आए तीर्थ राज और रमा देवी ने बताया कि बुरांश के फूल की चटनी जहां तपती गर्मी में शीतलता प्रदान करती है, वहीं नाक से खून आदि बहने की समस्या सहित अन्य कई असाध्य रोगों से भी निजात दिलाती है।
ग्रामीण तेजी देवी और बेगी देवी ने बताया कि वे प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली इन सब्जियों को एकत्रित करने के लिए जंगल जाती हैं। दिन भर कड़ी मेहनत के बाद बाजार में बिक्री के लिए लेकर आती हैं। यह वे सब्जियां हैं जो सिर्फ मौसम के अनुसार ही मिलती हैं। गर्मी के मौसम में इनके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है,दूसरा बीमारियों से भी निजात मिलती है। बीपी, शुगर और अन्य कई बीमारियों में यह प्राकृतिक सब्जियां रामबाण का काम करती हैं।
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