शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल सरकार द्वारा अवैध भवनों को नियमित करने के लिए अध्यादेश के माध्यम से लाई गई रिटेंशन पालिसी पर सियासत गरमा गई है। नगर निगम के बाद अब स्थानीय विधायक व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज ने भी रिटेंशन पालिसी का पुरजोर विरोध किया है और सरकार से इसे वापिस लेने की मांग की है।
भारद्वाज ने आज यहां पत्रकारवार्ता में कहा कि इस अध्यादेश में शिमला तथा अन्य क्षेत्रों में गैरकानूनी ढंग से निर्मित भवनों तथा रिहायशी मकानों को नियमित करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन ये लोगों के हितों के विरूद्व है, क्योंकि भवन मालिकोें को अपने भवन नियमित करने के लिए भारी भरकम पैनल्टी देनी पड़ेगी।
भारद्वाज ने कहा कि इस अध्यादेश से भवन निर्माताओं को लाभ पहुंचेगा और प्रदेश में सक्रिय बिल्डर्ज लॉबी ही लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा के मानसून अधिवेशन में ऐसा संशोधन बिल लाए, जो सभी को मान्ये हो, नही तो विधानसभा में सभी दल अध्यादेश को वापिस लेने की मांग कर सकते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार द्वारा इस अध्यादेश को लाने की क्या जरूरत थी, क्योंकि इसके स्थान पर संशोधित बिल लाया जा सकता था, लेकिन इससे पहले राज्य सरकार को विधानसभा के अंदर ऐसे भवनों की समस्या को पूरी तरह से अध्ययन करके इस पर चर्चा की जानी चाहिए थी। भारद्वाज ने कहा कि इस अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले बिल से भवन निर्माताओं को लाभ पहुंचेगा और प्रदेश में सक्रिय बिल्डर्ज लॉबी ही लाभान्वित होगी।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि होना तो ये चाहिए था कि ऐसे भवनों तथा निर्मित आवासीय भवनों को जैसे हैं, जहां हैं, के आधार पर एक ही बार रिटेंशन पॉलिसी बनाकर निर्मित किया जाना चाहिए, लेकिन अध्यादेश में जो प्रावधान रखे गए हैं, ऐसे भवन मालिकों को हजारों लाखों की पैनल्टी देनी पड़ेगी और फिर उनके द्वारा आवेदन पत्र देकर ये स्वीकार करना पड़ेगा कि उन्होंने सरकारी भूमि या वन भूमि पर भवन बनाए हैं। ऐसे भवन जो सरकारी भूमि या वन भूमि पर बनाए गए हैं, को निर्मित किए जाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन विशेष परिस्थितियों का ध्यान भी रखा जाना चाहिए।