नाहन (एमबीएम न्यूज): सामाजिक दायित्व को समझते हुए एमबीएम न्यूज नेटवर्क भी अपना कर्त्तव्य निभाने की कोशिश कर रहा है। इस दौरान हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की अनूठी मिसाल भी देखने को मिल रही है। यहां पाया गया कि रक्तदान में हिन्दू-मुस्लिम धर्मों की कोई बंदिशें नहीं हैं। ताजा घटनाक्रम अस्पताल में दाखिल एक मुस्लिम गर्भवती महिला से जुड़ा हुआ है।
शहरवासी अंकुर अग्रवाल ने एमबीएम को बीती देररात सूचित किया कि गरीब परिवार की महिला को आपातकालीन स्थिति में दो यूनिट बी पॉजीटिव ब्लड की आवश्यकता है। इसके बाद रक्तदाताओं ने परिवार से तो सीधा संपर्क साधना शुरू किया ही, साथ ही एमबीएम न्यूज नेटवर्क को भी संदेश आने शुरू हो गए। एक भी रक्तदाता ने यह नहीं पूछा कि महिला का धर्म क्या है। यहां तक की कमेंट बॉक्स में भी काफी संख्या में संदेश आए।
हालांकि इस तरह के उदाहरण पहले भी सामने आते होंगे, लेकिन सार्वजनिक नहीं हुए होंगे। यह अलग बात है कि महिला को दो यूनिट ब्लड की आवश्यकता की बात एमबीएम न्यूज नेटवर्क में प्रकाशित होने के बाद अस्पताल के ब्लड बैंक ने ही अपने स्तर पर रक्त का इंतजाम कर दिया।
हाल ही में एक मुस्लिम युवक वारिस अंसारी ने बी नैगेटिव ब्लड एक हिन्दू को देकर यह बात साफ कर दी थी कि मजहब भले ही अलग हो सकते हैं, लेकिन इंसानियत से ऊपर कुछ नहीं है। युवक को भी एमबीएम के माध्यम से दीनानाथ को रक्त की आवश्यकता के बारे में जानकारी मिली थी। यह एक ऐसा ब्लड ग्रुप था, जो बेहद दुर्लभ होता है। सदियों से शहर में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल कायम है।