बिलासपुर, 27 जनवरी : बिलासपुर जनपद में गुरु का लाहौर में दो दिवसीय बसंत पंचमी मेला बड़ी धूमधाम से मनाया गया। दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी के विवाह उत्सव के उपलक्ष्य पर यह बसंत पंचमी मेला मनाया जाता है। गुरुद्वारा साहब में आज भी दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। हिमाचल सरकार के दिशा-निर्देशों से पुलिस और प्रशासन के द्वारा मेला के दौरान पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
बसंत पंचमी मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंजाब ,हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, और अन्य प्रदेशों से लोग दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। गुरुद्वारा सेहरा साहब से गुरु महाराज की बारात शोभायात्रा के रूप में पांच प्यारों की अगुवाई में चलती है। यह बारात गुरु का लाहौर में पहुंचती है, जहां पर गुरु महाराज के लावा फेरे किए जाते हैं।
गुरुद्वारा सेहरा साहब वह स्थान है जहां पर गुरु महाराज की सेहरा बंदी और लावा फेरे हुए थे। यह दोनों स्थान जिला बिलासपुर के बस्सी क्षेत्र में पड़ते हैं। कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी ने माता जीत कौर के मायके वालों को यहीं बुला लिया था। बिलासपुर के गुरु का लाहौर में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का विवाह उत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ था।
हालांकि इस गांव का नाम पहले खड़ानाला था, लेकिन बाद में इसे गुरु का लाहौर के नाम से गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने इसका नामकरण किया। बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर हर वर्ष गुरु गोविंद सिंह के विवाह उत्सव पर यहां मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भंडारों का आयोजन भी किया जाता है, और मिठाइयां बांटी जाती है। उन्होंने कहा कि गुरु महाराज का धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं की अपार आस्था का केंद्र है।