शिमला,11 जनवरी : हिमाचल की राजधानी में ‘वेला बॉबी’ परिचय का मोहताज नहीं हैं। सरदार जी को ‘वेला’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वो ज्यादातर समय मानवता की सेवा में लगाते हैं। आईजीएमसी (IGMC) में मुफ्त लंगर चलाते हैं।
दिन भर में हजारों लोगों का पेट भरते हैं। सरबजीत सिंह बॉबी ने 25 अक्टूबर 2014 को आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में लंगर सेवा शुरू की थी, जो कमला नेहरू अस्पताल में भी चल रही है। लंगर में मरीजों के लिए दलिया, सूप, दूध की भी व्यवस्था रहती है। सरदार जी ने अब आधी रात को भी मानवता के सेवा का निर्णय लिया है।
ऑलमाइटी ब्लेसिंग संस्था के संस्थापक सरबजीत सिंह बॉबी बताते हैं कि लंगर में ब्रेकफास्ट के बाद दोपहर का भोजन दिया जाता है लंगर सेवा रात 9 बजे तक चलती है। हर रोज हजारों लोग यहां पेट भरते हैं यह सेवा लोगों के सहयोग के साथ गुरु कृपा से चल रहा हैं। उन्होंने बताया कि ये लंगर रात 1: 00 बजे के बाद भी चलेगा।
उन्होंने बताया कि दूर दराज इलाकों से आईजीएमसी आए गरीब असहाय लोगों के लिए रात 11 से 1:00 बजे तक लंगर चलाया जाएगा। बता दें कि ये लंगर राजनीति का शिकार भी हो गया था। 17 महीने तक बॉबी को ये लंगर बिना बिजली और पानी की व्यवस्था के चलाना पड़ा था।
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हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली व पानी की व्यवस्था को बहाल करने के सख्त आदेश दिए थे। उन्होंने एक रोटी बैंक भी शुरू किया है ,इसमें स्कूल के बच्चे रोटियां देते है। कैंसर पीड़ितों के लिए फ्री एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध करवाते हैं।
मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि लंगर गरीबों के लिए वरदान हैं। उन्हें खाने के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है। जिसकी जेब में फूटी कोड़ी नहीं होती वो भी लंगर में भरपेट खाना खा सकता है। रक्त की जरूरत पड़ जाए या एम्बुलेंस की या फिर शव वाहन की, बॉबी 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। वे कहते हैं, ‘गरीब का मुंह गुरु की गोलक’ होता है।