ऊना, 10 जुलाई : कई साल से जेल में बंद कबीरपंथी संत रामपाल के अनुयायियों द्वारा रविवार दोपहर बाद मुख्यालय में आपत्तिजनक शब्द लिख डाले, पत्र बांटे जाने पर विवाद भी खड़ा हो गया। हिंदू देवी देवताओं को लेकर आपत्तिजनक शब्द लिखे जाने से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भड़क गए।
गनीमत रही कि मामले को लेकर बीच सड़क पर संघर्ष नहीं हुआ, लेकिन हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अनुयायियों को सिटी चौकी पहुंचा दिया। पुलिस कार्रवाई को लेकर शिकायत भी सौंपी। संत रामपाल के अनुयायियों द्वारा बांटी गई सामग्री में में कुछ पंक्तियां ऐसी लिखी थी, जिन पर हिंदू संगठनों ने कड़ा एतराज जताया। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास है। इसे कतई सहन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस देश में सभी लोग अपने-अपने मत और धर्म के अनुसार पूजा पद्धति का अनुसरण करते हैं। दूसरों के धर्म पर इस प्रकार की टिप्पणियां असहनीय है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता राकेश सूरज ने कहा कि संत रामपाल के अनुयायियों द्वारा बांटे जा रही सामग्री में शब्दावली आपत्तिजनकहै। उन्होंने कहा कि जिस माता के पति के बारे में सवाल पूछा जा रहा है। वह केवल एक नहीं बल्कि सनातन धर्म के करोड़ों अनुयायियों की मां है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सिटी चौकी में शिकायत दी गई है, और पुलिस से मांग की गई है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
उधर, संत रामपाल के अनुयाई संजय कुमार ने कहा कि वह सनातन धर्म का ही प्रचार कर रहे हैं, केवल मात्र अपने धर्म की कुछ बातों को जनता के ध्यान में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन सवालों को लेकर यहां पर आपत्ति जताई जा रही है। उनका जवाब भी हम देने को तैयार हैं, यदि कोई चाहे तो इसका जवाब सनातन धर्म के ग्रंथों में भी खोजा जा सकता है।