नाहन, 13 मई : शहर में मेले की आड़ में पैमाने भी छलक रहे हैं। सेल्फी प्वाइंट (selfie point) के ठीक नीचे शुक्रवार सुबह 8 बजे शराब, बीयर व प्लास्टिक (beer and plastic) की खाली बोतलें साफ तौर पर इसकी गवाही दे रही थी। हालांकि, रैडक्रॉस मेला 10 मई को समाप्त हो चुका है, लेकिन झूलों का सिलसिला जारी है।
इन झूलों में काम करने वाले मैदान में नहाते नजर आए। साथ ही महिलाएं ऐतिहासिक मैदान में कपड़े धोती भी नजर आई। मेलों के आयोजन से चौगान मैदान (Chaugan Maidan) में स्पोर्टस गतिविधिया तो ठप हो ही जाती हैं, लेकिन प्रश्न ये भी है कि क्या आयोजकों द्वारा कमाई के चक्कर में झूलों व दुकानदारों को इतनी छूट दे दी जाती है कि रहने से नहाने तक की भी व्यवस्था मैदान में हो जाए।
इस सवाल का जवाब भी तलाशा जा रहा था कि ये लोग शौच के लिए कहां जा रहे थे। ये माना जा रहा है कि 50 से 70 लोग चौगान मैदान में ही डेरा डाले हुए हैं। पुलिस कंट्रोल रूम (police control room) के समीप पीने के पानी की टंकी के आसपास मैदान में झूले चलाने वाले नहाते नजर आए तो कई लोग शर्मिंदा होकर मुंह फेर कर आगे बढ़ते नजर आए।
ऐतिहासिक चौगान मैदान नाहन का दिल है। यहां दिनभर आवाजाही रहती है। झूले चलाने वालों ने पूरे मैदान को गंदगी के अंबार से पाट दिया है। लगातार दो मेलों ने इस मैदान का सीना छलनी करके रख दिया है। हलके तरीके से आयोजन पर आपत्ति नहीं होती, लेकिन बड़े-बड़े झूलों के लिए मैदान को बार-बार खोदना भी न्यायसंगत नहीं है।
बता दें कि मेलों का आयोजन पहले भी होता रहा है, लेकिन इस तरह का माहौल पहली बार सामने आया।