हमीरपुर, 31 दिसंबर : भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्व प्रधानाचार्य पर निलंबन की गाज गिर गई हैं। शिक्षा विभाग द्वारा बिठाई गई जांच में पूर्व प्रधानाचार्य द्वारा खरीदी गई सामग्री में अनियमिताएं पाई जाने के बाद यह निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद अब पूर्व प्रधानाचार्य का हेडक्वार्टर शिमला निदेशालय होगा। शिक्षा विभाग के आगामी आदेशों तक वे अब निदेशालय मे ही अपनी अटेंडेंस लगाएंगे।
गौरतलब है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला महारल को उत्कृष्ट का दर्जा मिलने के बाद सरकार ने 44 लाख रुपये की राशि विभिन्न गतिविधियों के सामान की खरीद के लिए दी थी। पूर्व प्रधानाचार्य द्वारा सामान खरीद की, जिस पर स्कूल के ही एक अध्यापक ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
आरोप लगने के बाद शिक्षा विभाग ने इस मसले पर जांच बिठाई थी। उच्च शिक्षा उप निदेशक हमीरपुर की जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर सामान खरीद मे अनियमिताएं पाई गई। जिस पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए पूर्व प्रधानाचार्य महारल को आगामी आदेशों तक सस्पेंड कर दिया हैं। बहरहाल, अब शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर आगामी आदेशों तक सचिवालय शिमला में हाजिर होने के फरमान सुनाए हैं।
महारल स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पर स्कूल के ही एक अध्यापक द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। जिसकी जांच में सामान खरीद में अनियमिताएं पाई गई हैं। जांच रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग ने उक्त प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया हैं।