नाहन – सिरमौर रियासत के शासक के रूप में 9 साल के लक्ष्यराज प्रकाश के शाही महल में विधि विधान से ताजपोशी की गई। जयपुर की राजमाता व सिरमौर के अंतिम शासक की बेटी पदमिनी देवी के नाती लक्ष्यराज प्रकाश का केयरटेकर पूर्व विधायक व राजवंश के सदस्य कंवर अजय बहादुर सिंह को बनाया गया। करीब सवा दो घंटे चले अनुष्ठान में पंजाब, हरियाणा, यूपी व राजस्थान समेत हिमाचल के करीब 48 राजघरानों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में फिल्म अभिनेत्री डिंपल कपाडिया के अलावा केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर थरूर भी मौजूद रही। सिरमौर रियासत के शासक का राजतिलक सितंबर 1934 में हुआ था जिसके बाद अब तक शाही महल में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित नहंी हुआ था। यही कारण था कि शहरवासी आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित थे। जयपुर की महारानी पदमिनी देवी अपने नाती के राजतिलक को लेकर बेहद भावुक भी नजर आई। कार्यक्रम के दौरान पूरा माहौल राज शाही के रंग में रंगा हुआ भी नजर आया। दशकों बाद आयोजित हुए इस तरह के कार्यक्रम की अहम बात यह भी थी कि जयपुर की राजमाता पदमिनी देवी ने अपने नाती को तिलक के बाद सिक्खों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी द्वारा तत्कालीन शासक मेदनी प्रकाश को भेंट की गई तलवार भी सुर्पुद की। इस तलवार को लेकर कई मर्तबा सवाल उठते रहे है। गुरू गोविंद सिंह जी की तलवार 70 के दशक में जयपुर के सिटी पैलेस में रखी गई थी। यह तलवार शहर की खुशहाली व उन्नति का प्रतीक भी मानी जाती थी। लेकिन शाही महल के वारिसों के बीच कानूनी जंग के कारण जयपुर की तत्कालीन महारानी पदमिनी देवी ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। गुरू गोविंद सिंह जी की तलवार के अलावा शासकांे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली गद्दी भी वापिस शाही महल में पहुंची है। जिस पर बैठकर लक्ष्यराज प्रकाश ने सिरमौर की बागडोर संभाली। बताया गया कि 1875 के बाद से सिरमौर रियासत के शासक इसी गद्दी पर बैठा करते थे। बेशक ही 1971 में राजशाही की तमाम उपाधियों को समाप्त कर दिया गया था। लेकिन शाही परिवार आज भी अपनी पुरानी रिवायतों को निभाते है। लक्ष्यराज प्रकाश को इस गद्दी से हालांकि कोई कानूनी अधिकार नहीं मिलने वाले लेकिन शाही महल की अरबों रूप्यें की संपति जरूर लक्ष्यराज प्रकाश को संभालनी होगी। शाही परिवार की परंपराओं के तहत लक्ष्यराज प्रकाश को गुरू गोरख नाथ की नादी व दो मुंहैया खंडा भी भेंट किया गया। लगभग 50 साल बाद शाही महल पर रियासत का झंडा भी फहरता नजर आया।
मंगल तिलक के दौरान लक्ष्य राज प्रकाश
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