शिमला, 19 अक्टूबर : हिमाचल उपचुनाव में जुब्बल-कोटखाई सबसे हॉट सीट बन गई है। भाजपा के कद्दावर नेता नरेंद्र बरागटा के निधन के कारण इस सीट पर हो रहे उपचुनाव में उनके बेटे चेतन बरागटा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा की तरफ से नीलम सरैइक और कांग्रेस से पूर्व विधायक व मुख्य संसदीय सचिव रहे रोहित ठाकुर चुनाव मैदान में हैं।
कई वर्षों तक भाजपा संगठन में रहे चेतन बरागटा की बगावत की वजह से इस सीट पर सबकी निगाहें लगी हैं। यह इलाका सेब की पैदावार के लिए जाना जाता है और निर्वाचन आयोग की तरफ से निर्दलीय उम्मीदवार चेतन बरागटा को चुनाव चिन्ह “सेब“ मिला है।
इस विधानसभा क्षेत्र में किसी भी प्रत्याशी का भाग्य तय करने में महिला मतदाताओं की भूमिका अहम होगी। दरअसल इस इलाके में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक है। निर्वाचन विभाग के मुताबिक जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 70965 है। इनमें महिला मतदाताओं की तादाद पुरुषों से अधिक है। विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं में से 35636 महिलाएं और 35329 पुरुष हैं।
प्रदेश के चुनावी इतिहास पर गौर करें तो ज्यादा मर्तबा यहां पुरूषों की अपेक्षा मतदान के लिए महिलाएं घरों से अधिक बाहर निकलती हैं। इसका कारण प्रदेश की बेहतर साक्षरता दर है। उपचुनाव में महिला व पुरुष मतदाताओं की संख्या में मामूली अंतर होने के बावजूद निर्णायक महिलाओं को माना जा रहा है। ऐसे में महिला मतदाताओं के अधिक वोट जुटाने वाले उम्मीदवार का रास्ता उपचुनाव में आसान होगा। एक अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि 30 अक्टूबर को मतदान के दिन सेब सीजन का काम लगभग समाप्त होने के कारण महिलाएं अधिक संख्या में वोट डालने आएंगी।
यही वजह है कि उपचुनाव में किस्मत आजमा रहा हर उम्मीदवार महिला वोटरों पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। बता दें कि जुब्बल कोटखाई उपचुनाव में एकमात्र महिला उम्मीदवार के रूप में नीलम सरैइक भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में है। हालांकि भाजपा की महिला उम्मीदवार के टिकट के खिलाफ विधानसभा हल्के में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता बागी हुए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश की चार सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में केवल जुब्बल कोटखाई में ही महिला मतदाता पुरूषों की तुलना में ज्यादा हैं। मंडी लोकसभा सीट, अर्की विधानसभा और फतेहपुर विधानसभा सीटों में महिलाओं मतदाताओं की संख्या पुरूषों से कम है।
जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रही है। वर्ष 1952 से 2017 तक 12 बार हो चुनाव में आठ बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा का कब्जा रहा है। एक बार जनता दल ने यहां परचम लहराया था। 1990 में एक वक्त ऐसा आया कि जुब्बल कोटखाई से दो बार मुख्यमंत्री रहे ठाकुर रामलाल कांग्रेस से अलग होकर जनता दल से चुनाव लड़े और उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पराजित कर दिया।