मंडी, 17 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश में होने वाले उप चुनावों में सीटू भाजपा के खिलाफ कार्य करेगी और भाजपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए मजदूरों और गरीबों को जागरूक करगी। यह निर्णय सीटू हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक में मंडी में लिया गया।
रविवार को सीटू कार्यालय मंडी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने की। बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें लगातार मज़दूर विरोधी नीतियां लागू कर रही है जिसके विरोध में आगामी लोकसभा व विधानसभा उप चुनावों में सीटू मजदूरों व आमजनता से भाजपा उम्मीदवारों के खि़लाफ़ मतदान करने की अपील करेगी और उन्हें हराने के लिए काम भी करेंगे। केंद्र की मोदी सरकार ने 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया है और उसके स्थान पर चार श्रम सहिंता लागू करने का निर्णय लिया है। उनमें बहुत से मज़दूर विरोधी प्रावधान रखे गए हैं। स्थाई रोज़गार के स्थान पर ठेके पर रोज़गार देने की नीति लागू की जा रही है, जिससे मजदूरों का शोषण हो रहा है।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि भाजपा की सरकारों के मजदूर और गरीब विरोधी फैसलों के विरोध में सीटू ने भाजपा को हराने का मन बना लिया है। इसके साथ ही बैठक में फैसला लिया गया कि 21 अक्तूबर को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाईपलाईन के विरोध में ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। 26 नवंबर को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के एक साल के मौके पर किसानों के समर्थन में खण्ड स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की लचर कर्यप्रणाली के खि़लाफ़ 1 दिसंबर को निर्माण व मनरेगा मज़दूर बोर्ड के राज्य कार्यालय शिमला में विरोध रैली आयोजित करने का भी फैसला बैठक में लिया गया।
बैठक में डॉ. कश्मीर ठाकुर, प्रेम गौतम, भूपेंद्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, राजेश शर्मा, रविन्द्र कुमार, जगत राम, केबल सिंह, राजेश ठाकुर, कुलदीप सिंह, अजय दुलटा, विहारी सेवगी, मनोज़ कुमार, सुदेश ठाकुर, विना देवी, खिमी देवी, कांता महंत, सरचन्द, भूप सिंह, सुरेंद्र कुमार, गुरुदास वर्मा, विजय शर्मा, पदम् प्रभाकर सहित पचास सदस्यों ने भाग लिया।