नाहन, 4 सितंबर : धूमल सरकार की पहली पारी में शामलात जमीनों को वापस लौटाने का ऐलान हुआ था। सिरमौर के हरेक विधानसभा क्षेत्र (Assembly Seat) में इसका लाभ ग्रामीणों को हासिल हुआ। अबकी बार बतौर मुख्यमंत्री पहली पारी (First Inning) खेल रहे जयराम ठाकुर ने शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर से दोस्ती (Friendship) का ऐसा फर्ज निभाया कि हर कोई आश्चर्यचकित हो रहा है।
बंपर घोषणाओं (bumper announcements) से खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर को चुनावी बेला (election time) से कुछ समय पहले संजीवनी भी दे दी है। इसके बाद पार्टी के भीतर तोमर की मुखालफत (opposition) करने वालों की भी बोलती बंद होती नजर आ रही है। चंद घंटों के लिए सीएम का शिलाई प्रवास इस कद्र घोषणाओं की छड़ी लगाएगा, इसकी कल्पना (Imagine) कोई नहीं कर रहा था। करीब-करीब यह तय है कि पंचायत स्तर पर एक साथ डीएसपी व विद्युत मंडल की घोषणा शायद ही पहले हुई होगी।
खास बात ये भी है कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र सूबे के उन चुनिंदा हलकों में शामिल हो गया है, जहां दो एसडीएम (SDM) कार्यालय होंगे। सिरमौर में पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में ही दो एसडीएम कार्यालय हैं। दिलचस्प बात ये है कि शिलाई को इस समय भी पंचायत का ही दर्जा है। दरसअल, सीएम ने पूर्व विधायक बलदेव तोमर को खा़द्य व आपूर्ति निगम में उपाध्यक्ष (Vice President at Food and Supplies Corporation) का ओहदा (Position) सौंपकर भी अपनी दोस्ती निभाने का प्रयास किया था। मगर अब तो बंपर घोषणाओं से तोमर को 2022 के चुनाव का सियासी लाभ (Political Benefit) देने की भी कोशिश की है।
पार्टी के भीतर कई ऐसे धड़े तैयार हो रहे थे, जो इस बात को लेकर खुशफहमी में थे कि तोमर का जनाधार (mass base) गिरने की भनक पार्टी को है, लिहाजा पार्टी का टिकट तोमर को नहीं मिलेगा। खैर, पार्टी के टिकट की स्थिति तो बाद में साफ होगी, लेकिन अगर मौजूदा स्थिति पर गौर किया जाए तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक ही झटके में बलदेव तोमर का गृह क्षेत्र में राजनीतिक कद ऊंचा कर दिया है।
ऐसा बताते हैं कि जब बलदेव तोमर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे, तब ही उनकी दोस्ती जयराम ठाकुर से हुई थी। उल्लेखनीय है कि एक साथ, एक विधानसभा क्षेत्र के लिए डीएसपी, एसडीएम व बिजली बोर्ड के एक्सईएन कार्यालयों (Executive Engineer) की घोषणा दुर्लभ ही होगी। यही नहीं, पीडब्ल्यूडी (PWD) का एसडीओ कार्यालय व पुलिस थाना की घोषणा भी हुई है। इसके अलावा बाकी छोटी-मोटी घोषणाओं की फेहरिस्त (List) लंबी है। दीगर है कि शिलाई में पहले से ही सिविल जज कोर्ट भी है। इसकी घोषणा भी जयराम ठाकुर ने ही की थी।
रोचक बात यह है कि ये तमाम कार्यालय लालढांग-रोहडू हाईवे (Laldhang-Rohru Highway) पर सतौन से शिलाई के बीच ही क्रियाशील (active) होंगे। कुल मिलाकर अच्छी बात ये है कि हमेशा से ही रिमोट इलाकों (Remote Areas )में शुमार होने वाले गिरिपार क्षेत्र को विकास की एक राह मिली है। पहली बार ऐसा हुआ कि जब लोगों को स्कूलों के दर्जे, बिजली-पानी के कनेक्शन इत्यादि से ऊपर उठकर कुछ हासिल हुआ है।