शिमला, 3 अगस्त : एचपीयू के कुलपति प्रो. सिकंदर व रजिस्ट्रार को जवाहर लाल नेहरू कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, शिमला में सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी से संबंधित मामले में व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश दिए है। उन्हें 9 अगस्त को कोर्ट में तलब किया गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश जेएलएन कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, शिमला के छात्रों द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर स्वत: संज्ञान लिए जाने वाली याचिका की सुनवाई के पश्चात पारित किए।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश सरकार ने मई 2015 में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चौड़ा मैदान शिमला के पांच कमरों में जवाहर लाल नेहरू कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स शुरू किया। उक्त कॉलेज से लगभग 143 छात्र बीएफए की पढ़ाई कर रहे हैं। उन छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज में अनुभवी शिक्षक, उचित बुनियादी ढांचा, यानी प्रयोगशालाएं, कार्यशालाएं आदि नहीं हैं।
उन्होंने अन्य विश्वविद्यालयों के साथ अपने पाठ्यक्रम की गैर-संगतता और उनके परिणामों की घोषणा न करने की शिकायत भी की है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि शिमला के पास ही कॉलेज को पर्याप्त जमीन दी गई है लेकिन ऐसा लगता है कि कॉलेज प्राधिकरण प्रस्तावित क्षेत्र में कॉलेज को स्थानांतरित करने के लिए इच्छुक नहीं है।