नाहन, 31 मई : पांवटा साहिब में फार्मा उद्योग पर पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद स्थानीय स्तर पर भी हलचल तेज है। करीब 24 घंटे के भीतर दो अहम बातें सामने आई हैं। 15 करोड़ की नशीली दवाओं की बरामदगी में स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया है, वहीं दूसरी अहम बात में कालाअंब के .ऑरिसन फार्मा में पंजाब पुलिस की रेड सोमवार सुबह 4 बजे तक जारी रहने की जानकारी सामने आई है।
कालाअंब में पंजाब पुलिस….
सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस ने कालाअंब के फार्मा उद्योग में रविवार सुबह 10 बजे के आसपास दबिश दी। रविवार की छुट्टी के कारण कोई मौजूद नहीं था। जांच में सहयोग देने मालिक भी फैक्टरी पहुंच गए। दोपहर 3 बजे के बाद फैक्टरी के संबंधित अधिकारियों के पहुंच जाने के बाद रिकॉर्ड खंगालने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस कार्रवाई के सोमवार सुबह 4 बजे तक जारी रहने की सूचना है।
जानकारों का कहना है कि पंजाब पुलिस रिकाॅर्ड साथ ले गई है। साथ ही कुछ रिकाॅर्ड उपलब्ध करवाने के लिए कंपनी को नोटिस जारी किया है। जानकारी यह भी है कि कंपनी में बनाई गई दवाओं की खेप, जिनका इस्तेमाल नशे के लिए भी हो सकता है, को स्थानीय ड्रग महकमे की मौजूदगी में परिसर में ही फ्रीज कर दिया गया है। स्थानीय ड्रग विभाग फ्रिज की गई दवाओं के बारे में सटीक जानकारी देने से कतरा रहा है।
इस मामले में ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह ने एमबीएम न्यूज से बातचीत में कहा कि फार्मा उद्योग में स्टाॅप प्रोडक्शन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही प्रोडक्शन से जुड़ा रिकाॅर्ड भी तलब किया गया है। उनका कहना था कि कोताही को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। बता दें कि पंजाब पुलिस की रेड के दौरान स्थानीय ड्रग कंट्रोलर सन्नी कौशल के अलावा पुलिस भी मौजूद थी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पंजाब पुलिस का भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
पांवटा साहिब में ये कार्रवाई…
पांवटा पुलिस ने यूनीक फार्मूलेशन्स फार्मा उद्योग के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी व आपराधिक साजिश के अलावा नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि ये मामला रविवार को ही दर्ज कर लिया गया था, लेकिन एसपी ने इसका खुलासा मीडिया को सोमवार को किया है। स्थानीय पुलिस ने ये पाया है कि कंपनी के पास ट्रामाडोल बनाने का लाइसेंस था।
पंजाब के अमृतसर में बरामद की गई ट्रामाडोल के रैपर पर पाया गया था कि इस उद्योग की मार्किटिंग दिल्ली की पीबी फार्मास्यूटिकल द्वारा की जाती है। जांच में पता चला कि ऐसी कोई मार्केटिंग कंपनी ही नहीं हैै। एसपी खुशहाल चंद शर्मा कह चुके हैं कि मार्केटिंग फर्म पते पर मौजूद नहीं थी, इसलिए प्रबंधन की मंशा गलत पाई जा रही है। ये भी बताया जा रहा है कि कंपनी ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 2020 का उल्लंघन किया है। इसके तहत उत्पादन करने वाली कंपनी का मार्केटिंग कंपनी के साथ एक समझौता होना चाहिए।
पांवटा साहिब पुलिस ने उद्योग के खिलाफ आईपीसी की धारा-420, 467, 468, 471, 120बी व एनडीपीएस के तहत मामला दर्ज किया है।उधर, प्रेस विज्ञप्ति में एसपी केसी शर्मा ने बताया कि छानबीन में दिल्ली पुलिस के माध्यम से छानबीन करवाई गई तो पता चला कि मार्किटिंग कंपनी का अस्तित्व नहीं है। लिहाजा, यूनीक फार्मूलेशन्स ने दवा के पैकेटों पर आपराधिक षड्यंत्र के तहत मार्केटिंग कंपनी का नाम व पता प्रकाशित करवाया था। अवैध कंपनी के नाम पर अन्य राज्यों में निर्यात किया जा रहा था।
एसपी ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया जा रहा है। गौरतलब है कि हिमाचल पुलिस के आईजी हिमांशु मिश्रा ने भी पांवटा साहिब का दौरा किया था। इस दौरान ही भावी रणनीति को तय किया गया।