शिमला/नाहन, 15 अप्रैल : क्या ऐसा पहली बार हुआ है, जब हिमाचल दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों व पेंशनर्स को लेकर कोई बात न की हो। दरअसल, ये सवाल नई पेंशन योजना संघ की राज्य स्तरीय इकाई के आरोप के बाद उठा है। यही नहीं, संघ ने इस मसले पर 18 अप्रैल 2021 को सोलन के दाड़लाघाट में राज्य स्तरीय बैठक भी बुला ली है।
वहीं, संघ के आईटी सैल ने एक तस्वीर भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने कमाल किया है। हिमाचल दिवस के मौके पर न नया वेतनमान, न 2009 की अधिसूचना, न दो वर्ष अनुबंध, न फ्रीज डीए, न पुरानी पेंशन की बहाली पर कोई टिप्पणी की है। संघ का आरोप है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब हिमाचल दिवस के मौके पर कर्मचारियों से जुड़ी कोई बात न की हो।
देखिए, नाहन में हिमाचल दिवस के मौके पर होमगार्ड बैंड की कैसी बिखरी रोमांच पैदा करने वाली धुनें
संघ ने कहा कि 20 मार्च को बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना को हिमाचल में 15 अप्रैल तक लागू करने का फैसला लिया था। संघ का यह भी कहना है कि अनुबंध कार्यकाल को दो साल करने व महंगाई भत्ते की लंबित तीन किस्तों व वेतन विसंगतियों को लेकर कुछ नहीं कहा है।
भाजपा के दृष्टिपत्र के मुताबिक कर्मचारियों से वायदे धोखा साबित हो रहे हैं। पालमपुर व सोलन में बीजेपी की हार से संकेत समझ लेना चाहिए। संघ का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपने अभिभाषण में केवल निजी क्षेत्र को ही फोकस किया। संघ का ये भी कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को भी अगर अतिरिक्त मानदेय मिलता तो अच्छा होता।