बहराइच (उप्र), 16 मार्च : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य में एक गर्भवती डॉल्फिन मृत मिली है। यह डॉल्फिन गंगा नदी में पाई जाती है, और ऐसी प्रजाति है जो लुप्त होने की कगार पर है। प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) यशवंत सिंह ने बताया कि डॉल्फिन लगभग 11 साल की थी। वे आमतौर पर हर 2 से 3 साल में एक बच्चे को जन्म देती हैं।
पशु चिकित्सकों की एक टीम ने मृत डॉल्फिन का पोस्टमार्टम किया और उन्हें उसके गर्भाशय में एक भ्रूण मिला है। डॉल्फिन के शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान नहीं थे और कहा गया है कि उसकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉल्फिन का नियमानुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
यह गैंजेटिक रिवर डॉल्फिन ताजे पानी में रहने वाली ऐसी प्रजाति है जो मुख्य रूप से गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों और भारत, बांग्लादेश और नेपाल में उनकी सहायक नदियों में पाई जाती हैं। इन्हें 2010 में राष्ट्रीय जलीय प्रजाति भी घोषित किया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 3,700 गैंजेटिक रिवर डॉल्फिन हैं।
बता दें कि जनवरी में प्रतापगढ़ जिले में कुछ लोगों ने एक डॉल्फिन को पीट-पीटकर मार डाला था, जिनमें से 3 लोगों को बाद में गिरफ्तार किया गया था। ये डॉल्फिन केवल ताजे पानी में रह सकती हैं और ये दृष्टिहीन होती हैं। ये अल्ट्रासोनिक साउंड की मदद से मछली और अन्य जीवों का शिकार करती हैं।