नाहन, 27 जनवरी : सिरमौर में जिला परिषद के नव निर्वाचित सदस्यों के शपथ समारोह में देरी को लेकर कारण तलाशा जा रहा है। इसको लेकर कई तरह की अटकलें चल रही हैं। हालांकि, तकनीकी तौर पर एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कही जा रही है, लेकिन रोचक बात यह है कि 28 जनवरी तक राज्य के करीब हरेक जिला में शपथ ग्रहण हो चुकी होगी, लेकिन सिरमौर में ये तारीख 30 जनवरी की तय हुई है। बुधवार को उपायुक्त ने चुनाव की तिथि भी निर्धारित कर दी है। इसके तहत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर एक फरवरी को सुबह 11 बजे बैठक होगी। इसकी जानकारी नव निर्वाचित सदस्यों को भेज दी गई है।
एक अहम बात यह भी उभर रही है कि इसका कारण जोड़ तोड़ का समय देना है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने खंगालने पर पाया कि उपायुक्त के स्तर पर कार्यक्रम तय होता है। चुनावी नतीजे के 7 दिन के भीतर शपथ ग्रहण करवानी होती है। इसके बाद 10 दिन की अवधि में चुनाव हो जाना चाहिए। तकनीकी तौर पर सिरमौर में जिला परिषद का अंतिम नतीजा 24 जनवरी दोपहर 12 बजे के आसपास जारी हुआ। इसी तारीख को शपथ ग्रहण की अवधि के लिए माना गया है। हालांकि पंचायतीराज संस्थाओं का गठन 22 जनवरी तक होना चाहिए था, लेकिन इसके पीछे तर्क दिया गया है कि चुनाव हो चुके थे। लिहाजा, पंचायतीराज संस्थाओं की अवधि भी 22 जनवरी से ही शुरू मानी जा सकती है।
सिरमौर : कांग्रेस को मिला निर्दलीय का समर्थन, जिला परिषद की सत्ता के करीब विपक्ष
इसमें कोई दो राय नहीं है कि जिला परिषद के चुनावी नतीजे घोषित करने में सिरमौर सबसे पीछे रहा है। चुनाव में पहली बैठक में दो-तिहाई बहुमत जरूरी है। यानि 11 सदस्यों की मौजूदगी लाजमी हैै। अगली बैठक में साधारण बहुमत पर भी चुनाव हो सकता है। कांगे्रस के पाले में 9 पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के पाले में 8 की संख्या है। चूंकि राज्य में सिरमौर ही एकमात्र ऐसा जिला बना है, जहां दोनों दलों के पास 8-8 सदस्य हैं। निर्दलीय ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। यही कारण है कि समूचे हिमाचल की नजरें सिरमौर की सियासत पर टिकी हुई हैं।
हर कोई यही सोचने पर विवश है कि क्या कांग्रेस बहुमत साबित कर जिला परिषद की सत्ता पर दोबारा काबिज होगी या नहीं। बता दें कि कांग्रेस ने भी अपने तमाम 9 सदस्यों को भूमिगत कर दिया है। उधर, जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा का कहना था कि एक्ट के मुताबिक समय पर शपथ व चुनाव करवा लिए जाएंगे। उधर, कांग्रेसी खेमे ने करीब-करीब नीलम शर्मा को चेयरपर्सन बनाने का फैसला ले लिया है, लेकिन उपाध्यक्ष को लेकर पत्ते नहीं खुल रहे हैं।