शिमला, 16 जनवरी : अप्पर शिमला के कोटखाई में फर्जी बिल पेश कर एंटी हेल नेट खरीदकर सरकार से सब्सिडी हड़पने के मामले में विजिलेंस ने एक आरोपी अधिकारी समेत छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। सेब बाहुल्य इलाकों में बागवान सेब को अंधड़ व ओलावृष्टि से बचाने के लिए एंटी हेल नेट का इस्तेमाल करते हैं।
मामले के अनुसार वर्ष 2012 में विजिलेंस ने शिमला थाने में तत्कालीन प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर कोटखाई (पीपीओ) कोटखाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जांच में सामने आया कि पीपीओ ने कुछ स्थानीय किसानों द्वारा जाली बिल के आधार पर एंटी-हेल नेट खरीदने और उन्हें स्थापित करने के लिए कोई भौतिक निरीक्षण किए बिना सब्सिडी के अवैध मामलों की सिफारिश की थी। इस सिफारिश पर बागवानी तकनीकी मिशन (HTM) के तहत सब्सिडी कुछ किसानों को गलत तरीके से दी गई।
जांच में खुलासा हुआ कि स्थानीय बागवानों ने एम/एस केके एग्री हाई-टेक सेवाओं से खाली बिल प्राप्त किया और इन बिलों को तत्कालीन अधिकारी को गलत विवरणों के साथ प्रस्तुत किया, जिन्होंने भौतिक निरीक्षण के बिना इन बिलों का सत्यापन किया। तफ्तीश के दौरान बागवानी तकनीकी मिशन के रजिस्टर में की गई जाली प्रविष्टियां मिलीं और इसके बाद उनकी सिफारिश की गई सब्सिडी जारी करने के बिल भी पाए गए। आरोपी 2003 से 2007 तक कोटखाई में पीपीओ के रूप में तैनात था।
विजिलेंस के एडीजी अनुराग गर्ग ने पुष्टि करते हुए कहा कि धोखाधड़ी के मामले में तत्कालीन प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर कोटखाई (पीपीओ) और छह अन्य लोगों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश (वन) शिमला की अदालत में चार्जशीट दायर की गई है।