नाहन, 1 जनवरी : सिरमौर के संगड़ाह, शिलाई व पांवटा साहिब विकास खंडों में पंचायतों को निर्विरोध चुनने का खासा कंपीटिशन चल रहा है। चंद रोज में तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी। इसी बीच ट्रांसगिरि क्षेत्र की मिल्लाह पंचायत से एक रोचक जानकारी सामने आई है। देश में मुख्यमंत्री या फिर नगर परिषद की हाॅट सीट को लेकर जब 50-50 का तरीका अपनाया जाता है तो इस फार्मूले को पंचायत स्तर पर क्यों नहीं लागू किया जा सकता। बस इसी सोच पर पंचायत के बाशिंदों ने उप प्रधान का पद 50-50 के फार्मूले से तय कर लिया है।
हालांकि पंचायत का बुद्धिजीवी व जागरूक तबका नामांकन तिथि पूरी हो जाने के बाद खुलकर इस बारे में बोलना चाहता है, लेकिन एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिल रही जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित प्रधान के पद पर देबो धीमान पर सर्व सम्मति बन चुकी है। जबकि उप प्रधान के पद पर पहला टर्म दलीप सिंह को अढ़ाई साल के लिए सौंपा गया है।
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दूसरे टर्म में रमेश इस पद पर रहेंगे। जानकारों की मानें तो पूर्व प्रधान आत्मा राम की पत्नी देबो धीमान पर कोई खास आपत्ति नहीं थी, लेकिन उप प्रधान के पद को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी, लिहाजा 50-50 का फार्मूला बना लिया गया।
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दीगर है कि टटियाना पंचायत ने भी सर्व सम्मति बनाने को लेकर एक अनोखा फार्मूला बनाया था। इस पंचायत को चार बे़ड़ों में विभाजित किया गया था। हरेक बेडे़े से पर्ची निकाली गई। अंत में जिस बेड़े को पंचायत प्रधान, उपप्रधान व बीडीसी में प्रतिनिधित्व नहीं मिला, उस बेड़े को वार्ड सदस्य के पांच पद सौंप दिए गए थे। खैर, फार्मूला निकालने में मिल्ला पंचायत ने भी गजब उदाहरण पेश किया है। अब उम्मीद केवल यही की जानी चाहिए कि पंचायत के बुद्धिजीवियों व जागरूक लोगों के प्रयास सिरे चढ़ जाएं।