चंबा, 28 नवंबर : भारतीय अंगदान दिवस के उपलक्ष्य पर जिला से भटियात के राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय समाज सेवी सुभाष जरयाल ने मृत्यु उपरांत अपना देह दान करने का निर्णय लिया है। देह दान संबंधी अपना सहमति पत्र भी आईजीएमसी शिमला को प्रेषित किया गया है। सुभाष जरयाल ने बताया कि मृत्यु के उपरांत देह का स्वाह किया जाता है। अगर इस शरीर के अंग किसी दूसरे जरूरतमंद शरीर के काम आए तो व्यक्ति की आयु मरने के बाद भी बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंद मरीज़ो के उपयोग के लिए उपयोगी अंग व मेडिकल स्टूडेंट्स की स्टडी में उपयोग हेतु अपने देह को हिमाचल प्रदेश देह दान बिंग इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला को अपना सहमति फॉर्म पत्र उचित औपचारिकताओं के साथ प्रेषित किया है। उन्होंने कहा कि जीवन के पलों को खुशी व समाज सेवा के साथ जीना चाहिए तथा जब भी मौत हो तो मरने के बाद भी यह शरीर किसी के काम आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनेकों लोग अपने अंग खराब होने पर मौत का ग्रास बनते हैं तथा अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। जो कि सत्य ओर अटल है तो उसके शरीर के उपयोगी अंगों का मेडिकल विधि से दूसरे जरूरतमंद मरीज़ो में प्रत्यारोपण हो सकता है तो उस अंग की उम्र पुनः बढ़ जाती है तथा किसी अन्य के जीवन के क्षण भी बढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी देह दान यूनिट की प्रभारी डॉ. अंजू प्रताप के दिशा निर्देशों के तहत देह दान का फार्म उचित औपचारिकताओं के साथ शिमला प्रेषित किया गया है। सुभाष जरयाल कई बार रक्तदान भी कर चुके है। आईजीएमसी शिमला में देह दान विंग हिमाचल प्रदेश की प्रभारी डॉ अंजू प्रताप ने खबर की पुष्टि की है। बताया कि जिला चंबा के सिहुंता निवासी सुभाष जरयाल ने मृत्यु उपरांत अपना देह दान करने की औपचारिकताओं बारे जानकारी प्राप्त करने उपरांत अपना सहमति फार्म भेजा है। जो कि सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि संबंधित सहमति फॉर्म की हार्ड कॉपी प्राप्त होने के उपरांत आवश्यक कार्यवाही उपरांत देह दान सम्बधी प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।