शिमला 2 नवंबर : 27 अक्तूबर को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet) में सरकार ने फैसला लिया था कि प्रदेश के स्कूलों में 9वीं से 12वीं व कॉलेजों में नियमित कक्षाएं (Regular Classes) शुरू कर दी जाएंगी। जोकि सोमवार से शुरू भी हो चुकी है, लेकिन प्रदेश के स्कूलों व कॉलेजों में छात्र ज्यादा संख्या में नहीं पहुंचे। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के अधिकतम (Maximum) स्कूलों में छात्रों की संख्या बहुत कम थी। अब स्थिति यह पैदा हो गई है कि अध्यापक उनकी क्लासेज लगाए जो कॉलेज आए है या फिर जो अनुपस्थित हैं, उनकी ऑनलाइन कक्षाएं लगाएं।
एक तरफ सरकार ने यह फैसला भी लिया था कि छात्रों को स्कूलों में आना अनिवार्य (Compulsory) नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया था कि छात्र तभी स्कूल आए, यदि उनके पास लिखित रूप से अभिभावकों का सहमति पत्र हो। साथ ही सरकार ने इस बात को भी स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। अब स्थिति यह पैदा हो गई है कि अध्यापक उन बच्चों को पढ़ाए, जो स्कूल या कॉलेज पहुंचे हैं या जो अनुपस्थिति है, उनकी ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखें। क्योंकि जो छात्र स्कूल या कॉलेज में उपस्थित है उनकी नियमित कक्षाएं लेना भी अनिवार्य है।
फिलहाल अध्यापकों के लिए यह असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि वह ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखें या फिर जो विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज आ गए हैं, उन्हें नियमित रूप से पढ़ाएं ।
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