सोलन ,15 सितंबर : शहर की प्यास बुझाने वाली उठाऊ गिरि परियोजना में सिल्ट (Silt) की मात्रा बढ़ने से गंदले पानी (Polluted water) को ट्रीट करना मुश्किल हो गया है। इस कारण गिरि से नगर परिषद सोलन (Solan) के लिए लिफ्ट (Lifting) किए जा रहे पानी की मात्रा में भारी गिरावट आई है। पानी की मांग बढ़ने से शहर में फिर से पेयजल सकंट (Water Crisis) पैदा हो गया है। आईपीएच ने लोगों की सेहत व मशीनरी की सुरक्षा को देखते हुए सिल्ट युक्त पानी को लिफ्ट नहीं करने का निर्णय लिया है। हालांकि स्टोर टैंकों (Store Tanks) में सिल्ट की मात्रा को कम किया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में काफी समय लग रहा है।
गिरि से नगर परिषद को प्रति दिन औसतन करीब एक करोड़ लीटर पानी मिलता है मगर इन दिनों सिल्ट की समस्या के चलते यह मात्रा घट कर 60 से 70 लाख तक रह गई है। वहीं अश्वनी पेयजल योजना से भी सिल्ट के कारण डिमांड के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा है। सिल्ट की समस्या को देखते हुए नगर परिषद ने राशनिंग बढ़ा दी है। शहर में अब उपभोक्ताओं को दो दिन के बजाय तीन से चार दिन बाद पेयजल की आपूिर्त की जा रही है। वहीं डिस्ट्रीब्यूशन की खामियों के कारण शहर की अधिकतर इलाको में कई दिनों तक पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
वाटर ट्रीटमेंट के इंतजाम ना काफी
गिरि परियोजना पर करीब 65 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद इसमें वाटर ट्रीटमेंट (Water Treatment) के लिए पुराने तरीके ही अपनाए जा रहे हैं। गिरि में सिल्ट की मात्रा बढ़ते ही वाटर ट्रीटमेंट का फार्मूला (Formula) ना काफी साबित हो जाता है। गिरि परियोजना में पानी को ट्रीट करने के लिए फिटकरी (Alum) की शिलाओं का सहारा लिया जाता है। इससे गंदले पानी को ट्रीट करने में लंबा वक्त लग रहा है, जिसका खामियाजा (Brunt) शहर के करीब 60 हजार की आबादी को भुगतना पड़ रहा है। इस महत्वकांक्षी परियोजना (Ambitious Project) में पानी को ट्रीट करने के लिए आधुनिक तरीके अपनाए जाए तो बरसात (Rain) की स्थिति में भी पानी की किल्लत नहीं रहेगी। गिरि परियोजना के मुख्य स्रोत में बरसात के कारण बार-बार सिल्ट आ रही है। मौसम के पूर्वानुमान के मुताबिक आगामी दिनों में भारी बारिश के आसार है।
12 से 14 पीपी तक बढ़ा सिल्ट
गिर परियोजना में इन दिनों 12 से 14 पीपी तक सिल्ट आ रही है। पानी में इतनी मात्रा में सिल्ट आने से वाटर ट्रीटमेंट संभव नहीं होता। आमतौर पर 6 पीपी की मात्रा की सिल्ट को ट्रीट (Treatment of silt) करना आसान होता है। इससे अधिक मात्रा में सिल्ट आने की स्थिति में पानी गंदला ही रहता है। आईपीएच का कहना है कि उपभोक्ताओं (Consumers) को गंदला पानी नहीं पिलाया जाएगा। हालांकि गिरि नदी में बीच-बीच में सिल्ट की मात्रा में कमी भी दर्ज की जा रही है लेकिन इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों (Hill Area) में लगातार हो रही बरसात के कारण सिल्ट की समस्या बढ़ती ही जा रही है।