शिमला: आईजीएमसी में हमीरपुर के सुजानपुर टिहरा की रहने वाली 49 वर्षीय सोरना देवी के दिल का ऑपरेशन चल रहा था। डॉक्टरों के निर्देश पर परिजनों ने दुर्लभ ब्लड ग्रुप ओ-नेगेटिव की पांच यूनिट का इंतजाम किया हुआ था। अचानक ही खून ज्यादा बह जाने के कारण मरीज की जान का संकट पैदा हो गया। परिवार के हाथ-पांव फूल चुके थे। महिला की बेटी गोल्डी ने ब्लड बैंक के बाहर उमंग फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव का मोबाइल नंबर लिखा देखा। रोते-रोते पूरी व्यथा एक सांस में सुना दी। तुरंत ही प्रो. श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉ. रमेश चंद्र से संपर्क कर रक्तदान करने का आग्रह किया।
कार्यालय में व्यस्त डॉ. रमेश एक क्षण गंवाए बगैर ही अस्पताल की तरफ चल दिए। एक घंटे से भी कम समय में नाजुक मरीज के लिए रक्तदान कर फिर एक मिसाल पेश की। गौरतलब है कि डॉ. रमेश चंद आईजीएमसी में वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक के पद पर भी तैनात रह चुके हैं। नियमित रूप से रक्तदान करने वाले डॉ. रमेश पहले भी अनगनित बार कॉल आने पर खून दान कर चुके हैं। प्रो. श्रीवास्तव के मुताबिक वो अब तक 75 बार रक्तदान कर चुके हैं। उमंग फ़ाउंडेशन सहित कई संस्थाओं द्वारा डॉ. रमेश को सम्मानित भी किया जा चुका है।
कुल मिलाकर अधिकारी की सोच व कोशिश को सैल्यूट किया जाना चाहिए। साथ ही अन्य अधिकारियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
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