शिमला : प्रदेश के शिमला जनपद से 215 व्यक्ति लापता है, इसमें 112 महिलाएं भी शामिल है। 119 व्यक्ति केवल 2019 में ही लापता हो गए। पुलिस ने गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश के लिए मानव तस्कर विरोधी इकाई व नोडल एजेंसी को स्थापित करने का फैसला लिया है। यह इकाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(शहरी) परवीर ठाकुर की निगरानी में कार्य करेगी। इसके अलावा उपमंडल स्तर पर भी लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए एक विशेष दल के गठन का फैसला लिया गया है।
तमाम इकाइयों को नोडल एजेंसी के अधीन कार्य करना होगा। फैसला यह लिया गया है कि लापता हर व्यक्ति की पुरानी फाइल को खंगाला जाये। गहनता से प्रयास करने के साथ-साथ ठोस योजना बनाई जाएगी ताकि लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलवाया जा सके। तीन महीने तक गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, इसमें 50 फ़ीसदी तलाश का लक्ष्य भी निर्धारित हुआ है। यानी खाकी की कोशिश रहेगी कि कम से कम 112 व्यक्तियों को तलाश लिया जाए।
नेपाली मूल के लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए उनके देश में भी संपर्क साधने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही सोशल मीडिया में भी अभियान चलाने का फैसला लिया गया है। अलग-अलग राज्यों के शेल्टर होम्स का रिकॉर्ड गुमशुदा व्यक्तियों से मेल करवाने का प्रयास भी होगा। सबसे अधिक व्यक्ति शहर के पश्चिम थाना से लापता हुए हैं, इसमें संख्या 37 है, जबकि ढली व रामपुर की संख्या क्रमशः 27 व 22 है। पुलिस तर्क है कि कोशिश से परिवारों को अपने बिछड़े मिल सकते है।
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