हमीरपुर : शहीद वरुण कुमार शर्मा की चिता की अग्नि ठंडी होने से पहले ही मां विमला देवी (55) ने प्राण त्याग दिए। बताया जा रहा है कि अपने बेटे की मौत का गम मां सहन नहीं कर सकी। बुधवार सुबह शहीद की मां ने पुत्र के वियोग में प्राण त्याग दिए। जब इसकी सूचना गांववालों को लगी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। परिवार अभी बेटे की मौत को भुला नहीं पा रहा था कि अचानक एक और सदस्य परिवार का साथ छोड़कर चला गया।
ग्रामीणों ने बताया कि कि शहीद की मां अपने बेटे की मौत को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। उन्होंने तो खाना-पीना तक ही छोड़ दिया था। विमला देवी की तबीयत मंगलवार रात से ही वह खराब हो चली थी और बुधवार सुबह तड़के ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। दिवंगत मां ने करीब 15 साल पहले बेटे को मां भारती की रक्षा के लिए भेजा था। चीन की सीमा पर तैनात लाल को ब्रेन स्ट्रोक की वजह से चंडी मंदिर अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जहां वरुण रविवार की शाम जिंदगी की जंग हार गया था।
दीगर है कि मंगलवार को शहीद की पार्थिव देह को लेकर जा रहा शव वाहन ऊना के मैहतपुर में ख़राब हो गया था। इस कारण वाहन अढ़ाई घंटे तक सड़क किनारे ही शहीद की पार्थिव देह को लेकर खड़ा रहा था।
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