हमीरपुर: पूरी उम्र जमीन-जायदाद के पीछे भागने के बाद आदमी सब कुछ यहीं छोडक़र चला जाता है। अपने साथ केवल उसके कर्म जाते हैं। फिर भी लोग इस बात को समझते हुए नजर अंदाज कर देते हैं। लेकिन ऐसे लोग भी हैं जोकि आने वाली पीढिय़ों के लिए परोपकार की सीख दे रहे हैं। जिला हमीरपुर की ग्राम पंचायत देई का नौण में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। नरेली गांव के लोगों का वर्षों का सपना सडक़ का था, जोकि वर्ष 2016 में पूरा हुआ।
ग्रामीणों ने गिफ़्ट डीड कर लोक निर्माण विभाग के नाम जमीन दान भी की। लेकिन कुछ लोगों ने गिफ्ट डीड की गई भूमि पर कब्जा कर लिया। शिकायत के बाद मंगलवार को गिफ्ट डीड की हुई भूमि की निशानदेही के दौरान कुछ लोगों ने दान की हुई जमीन से निशानदेही नहीं होने दी। तर्क दिया कि उनकी जमीन का ततीमा नहीं कटा है और वे जमीन नहीं देंगे।
जिस पर गांव के ही एक परिवार ने अपनी जमीन में से सडक़ को निकालने की बात कह कर मिसाल कायम की। इसी पूरे परिवार की अधिकतर जमीन पहले भी सडक़ निर्माण में गई है। अब ग्रामीणों की आस बंधी है कि नरेली गांव को भी सरकारी बस सुविधा मिलेगी। अपनी जमीन में से सडक़ निकालने वाले परिवार की मुखिया कांता देवी का कहना है कि किसी भी क्षेत्र का विकास सडक़ों से जुड़े होने के कारण ही संभव हुआ है। उनका कहना है कि उनके 2 देवर व जेठ भी है।
परिवार की ही अधिकतर जमीन से पहले भी गांव से सडक़ निकाली गई थी। लेकिन खुशी है कि गांव को परिवहन निगम की बस सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी सोच व नजरिया बदलना होगा। इस बारे में राजीव ठाकुर, तहसीलदार हमीरपुर ने बताया कि लोक निर्माण विभाग को गिफ्ट की गई जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत पर निशानदेही करवाई जा रही है। जब अतिक्रमण किया जा रहा था, उस समय तत्काल विभाग को कार्यवाही अमल में लानी चाहिए।