शिमला: प्रदेश के बेरोजगार दंत चिकित्सकों ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा अपनी नियमित भर्तियों की मांगों को पूरा करने की सरकार से मांग उठाई है। इन चिकित्सकों ने एलान किया है कि उनकी मांगें एक माह के भीतर सरकार ने नहीं मानी, तो आगामी 5 नवंबर को बेरोजगार दंत चिकित्सक राजधानी शिमला में डेंटल कॉलेज के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे तथा उनका धरना तब तक चलता रहेगा, जब तक सरकार उनकी मांगों पर अमल नहीं करती।
बेरोजगार दंत चिकित्सकों अनिल आजटा, चांदनी कौशिक, दीपांशु हिमटा और अनिल वर्मा ने शिमला में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि उनकी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार गम्भीर नहीं है। पूरे प्रदेश में झोलाछाप दंत चिकित्सकों की भरमार है, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इन झोलाछाप कथित चिकित्सकों के पास न तो डेंटल की डिग्री है और न ही कोई डिप्लोमा है। राजनीतिक संरक्षण से ये झोलाछाप अपना कारोबार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में करीब 2500 दंत चिकित्सक बरोजगार हैं। दंत चिकित्सकों के लिए हर साल कमीशन भी नहीं निकाला जाता। इस वजह से दंत चिकित्सक तनाव में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर दंत चिकित्सक अपना निजी क्लीनिक नहीं खोल सकता है। इसका कारण यह है कि क्लीनिक चलाने के लिए चार-पांच लाख रूपये खर्च करने पड़ते हैं और यह बहुत बड़ी रकम है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर सरकार ने गम्भीरता नहीं दिखाई तो नवम्बर माह में वे सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।