शिमला: नगर निगम शिमला के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। पूर्व पार्षदों ने भाजपा शासित नगर निगम पर सीवरेज सैस का बोझ डालने और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान, सुशांत कपरेट, नरेंद्र ठाकुर और दीपक रोहाल ने मंगलवार को संयुक्त पत्रकारवार्ता में कहा कि नगर निगम तुगलकी फरमान जारी कर लोगों पर एक के बाद एक सैस का बोझ लाद रहा है। पहले पानी के बिल के साथ 30 फीसदी सीवरेज सैस लिया जा रहा था और इसे अब बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है।
यह सरासर अन्याय है और जनता पर भारी आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। उन्होंने इसे तुरंत घटाने की मांग की है। ऐसा न करने पर इसके खिलाफ खुली लड़ाई का भी ऐलान किया है। इस मौके पर व्यापार मंडल शिमला के अध्यक्ष व वर्तमान पार्षद इंद्रजीत सिंह भी मौजूद रहे। इन पार्षदों ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस सैस को 50 फीसदी से घटाकर 30 फीसदी किया गया था। लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने इसमें गुपचुप तरीके से भारी बढ़ोतरी कर दी और यह सरासर खुली लूट है। पार्षदों ने राजधानी में येलो लाइन पार्किंग पर नगर निगम की घेराबंदी करते हुए कहा कि इस मुददे को मुख्यमंत्री से उठाया जा रहा है।
जबकि कई वार्डों में पहले से स्वीकृत पार्किंगों पर काम आगे नहीं बढाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम राजधानी में स्टील की लाइट स्ट्रक्चर की पार्किंग का निर्माण नहीं कर रहा है। जबकि पूर्व की नगर निगम ने इस बारे निगम के सदन में प्रस्ताव भी पारित किया था। उन्होंने सवाल किया कि जब राज्य सचिवालय की स्टील स्ट्रक्चर की पार्किंग बन सकती है तो शहर के अन्य हिस्सों में क्यों नहीं बन सकती है। यदि ऐसा निर्माण सही नहीं है तो नगर निगम ने सचिवालय की ऐसी पार्किंग को कैसे वैध करार दे दिया है।