दीक्षा कश्यप/नाहन
अक्सर आपने दबंग महिला आईपीएस अधिकारियों के बारे में कई किस्से पढ़े होंगे, लेकिन यहां आपको एक सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान के बारे में बताया जा रहा है। बड़ा अंतर यह है कि आईपीएस अधिकारी दल-बल के साथ दबिश देने निकलते हैं, जबकि यहां महिला अधिकारी बगैर सुरक्षा व निहत्थे ही सड़कों पर दबंगई से एक्शन लेने उतर जाती है।
प्रदेश में बसों की ओवरलोडिंग को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। साथ ही सिरमौर के रिमोट इलाकों में चूना-पत्थर से लदे ओवरलोड ट्रक भी एक समस्या हैं। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अगर एक महिला अधिकारी बगैर सुरक्षा के ही सड़कों पर उतरती है तो चर्चा बनती ही है। दरअसल हुआ यूं कि सिरमौर में बुधवार को सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान रिमोट क्षेत्रों में ओवरलोडिंग के पड़ताल करने बगैर सुरक्षा के ही सड़कों पर नजर आई। एमबीएम न्यूज नेटवर्क के एक पाठक ने उनकी तस्वीर उस समय क्लिक कर ली, जब वह पिकअप चालक को छोटे-छोटे बच्चों को पिछले खुले हिस्से मैं न बिठाने की हिदायत दे रही थी।
एमबीएम न्यूज को जब यह तस्वीर मिली तो पड़ताल करने पर पता चला कि मैडम अपने ड्राईवर के साथ ही ऐसे इलाकों में पहुंची हुई थी, जहां चूना-पत्थर से लदे ट्रक ओवरलोड थे। मौके पर ही 9 चालान भी किए गए। दीगर है कि प्रदेश में पहले भी कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारी पर हमला तक कर दिया जाता है। इसमें भी कोई दो राय नहीं है जब वाहनों का चालान किया जाता है तो मौके पर चालक भड़कते हैं। मूलत: नौहराधार के भराड़ी की पुत्रवधू सोना चौहान ने ट्रांसपोर्ट महकमे में 1996 में अपना कैरियर शुरू किया था। हाल ही में पांवटा साहिब के रामपुरघाट में भी दबिश दी थी।
उल्लेखनीय है कि 29 जून को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद से सुनील शर्मा सेवानिवृत्त हुए हैं। शर्मा का कार्यकाल भी प्रशंसनीय रहा। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अस्थाई तौर पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कार्यभार भी महिला अधिकारी को सौंपा गया।
जब सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान से इस बारे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने ज्यादा चर्चा नहीं की। केवल इतना कहा कि ड्यूटी के प्रति कर्तव्य परायणता को निभाने का प्रयास करती हैं। उनका कहना था कि कई मर्तबा सड़कों पर चालकों के गुस्से का भी सामना करना पड़ता है, क्योंकि कोई भी व्यक्ति चालान करवाने के लिए आसानी से तैयार नहीं होता।
उन्होंने बताया कि सिरमौर में ओवरलोडिंग को खत्म करने के लिए 53 रूट प्रस्तावित हैं। साथ ही यह भी चिन्हित कर लिया गया है कि किन-किन रूट्स पर ओवरलोडिंग है। उन्होंने कहा के ट्रकों की ओवरलोडिंग को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे हाईवे के पैरामीटर्स कि उल्लंघना होती है।