वी कुमार/ मंडी
कुल्लू ज़िला के बस हादसे के बाद एकाएक हरकत में आई प्रदेश की भाजपा शासित सरकार ने बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए। एकाएक सरकारी और निज़ी बसों में ओवर लोडिंग न करने का फरमान जारी कर दिया। इससे आम आदमी को होने वाली कठिनाइयों को भी ध्यान में नहीं रखा। कभी-कभार सड़कों पर नज़र आने वाले पुलिस कर्मियों की संख्या सड़कों पर कई गुना बढ़ गई। वे चालकों के चालान काटने लगे व सवारियों को बसों से उतारने लग पड़े हैं।
पुलिस इस शाही फरमान को लागू करने के लिए जुट गई। उसके बाद सामान्य नागरिकों की कठिनाइयों का अंबार लग गया। गत दिवस जब कॉलेज खुले तो किसी भी बस चालक ने सड़क के किनारे खड़े कॉलेज में जाने वाले छात्रों और सरकारी नौकरी, अस्पतालों में जाने वाले लोगों को नहीं बैठाया। यह सिलसिला आज भी जारी रहा जो कि गत एक सप्ताह से जारी है।
आज भी धर्मपुर उपमण्डल के पिपली, बल्ह ,करनोहल, कोहन, कोट, गदोहल और मंडी ज़िला की सबसे बड़ी पंचायत सजाओपीपलु के दो दर्जन गांव से आने वाले विद्यार्थी, देवबरारता, भरेड़ी, भाँवला, फतेहपुर, नबाही, चंद्रुही के विद्यार्थी अपनी हाज़री कॉलेज में सुनिश्चित नहीं कर सके। जैसे कैसे छात्र कॉलेज पहुंचे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर से चलकर पहले पथ परिवहन निगम की कार्यशाला के बाहर नारेबाज़ी की। उसके बाद वे दो किलोमीटर दूर पैदल चलते हुए बस स्टैंड पर पहुंच गए। नारेबाजी करते हुए बस स्टैंड का घेराव किया।
आनन-फानन में निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक नरेंद्र शर्मा भी बस स्टैंड पर पहुंच गए। वे विद्यार्थियों को मनाने में जुट गए। लेकिन उन्होंने उनकी कोई बात नहीं सुनी और लिखित आश्वासन मांगने लगे। विद्यार्थियों का गुस्सा क्षेत्रीय प्रबंधक के आश्वासन के साथ भी कम नहीं हुआ। उसके बाद उन्होंने मुख्य सड़क पर धरने पर बैठकर चक्का जाम किया। जिसके बाद करीब दो घण्टे तक यातायात व्यवस्था चरमरा गई। स्थिति को गम्भीर होते हुए देखकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी वहां पहुंच गए और विद्यार्थियों को समझाने बुझाने लगे। विद्यर्थियों का कहना था कि वर्तमान प्रदेश सरकार और केंद्रीय सरकार को सत्ता में लाने में उनके संगठन की अहम भूमिका रही है।
विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मंत्री तक ने उनकी कठिनाई महसूस नहीं की और वे भी चुप बैठ गए। परिषद की कॉलेज इकाई के अध्यक्ष सुमीत सकलानी ने प्रदेश सरकार को जमकर कोसते हुए कहा कि वर्तमान में सरकाघाट कॉलेज में 2300 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनके कॉलेज में आने – जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में बसें उपलब्ध नहीं हैं।
उनके अनुसार अगर सरकार अब भी नहीं जागी और एक विद्यार्थी भी सड़क पर बस न मिलने के कारण खड़ा हुआ पाया गया तो उनका आंदोलन उग्र रूप धारण कर लेगा। बाद में प्रशासन और निगम प्रबन्धक व पुलिस की मान मनोवल और आश्वासन के बाद विद्यार्थियों ने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया। इस अवसर पर परिषद के इकाई उपाध्यक्ष विजय ठाकुर, इकाई मीडिया प्रमुख निशांत गुलेरिया, साहिल धलारिया, विकास ठाकुर, शुभम, किरण, वर्षा पटियाल व दिनेश कुमार सहित करीब 300 कार्यकर्ता मौजूद रहे।